
Donald Trump announces USA occupation of Gaza Strip
Donald Trump: गाज़ा में हमास और इज़रायल के बीच युद्धविराम के दौरान अमेरिका ने बड़ा ऐलान किया है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के सामने ही डोनाल्ड ट्रंप ने गाज़ा पट्टी पर अमेरिका के कब्जा करने का ऐलान कर दिया। डोनाल्ड ट्रंप ने बेेंजामिन नेतन्याहू के साथ हुई मीटिंग के बाद ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अमेरिका गाज़ा (Gaza Strip) पर कब्जा करेगा। वहां पर खतरनाक हथियारों को नष्ट करेगा। इलाके के आर्थिक विकास के लिए काम करेगा। डोनाल्ड ट्रंप ने ये भी कहा कि इजरायल और हमास के बीच चल रहा युद्धविराम-बंधक समझौता (Israel Hamas Ceasefire) एक बड़ी और अधिक स्थायी शांति की शुरुआत होगी।
व्हाइट हाउस में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मीटिंग (Donald Trump and Benjamin Netanyahu meeting) करने के बाद संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि गाज़ा का मालिक अब अमेरिका होगा। अमेरिका गाज़ा में एक ऐसा आर्थिक विकास बनाएगा जो क्षेत्र के लोगों के लिए बड़ी संख्या में नौकरी और घर की आपूर्ति करेगा। ट्रंप ने कहा कि गाज़ा की सूरत बदलने के लिए और पूरे क्षेत्र में अमेरिकी ताकत को स्थापित करने के लिए प्रशासन तेजी से काम कर रहा है।
इसी प्रेस कांफ्रेंस में ट्रंप ने ये भी कहा कि उन्होंने अमेरिका को ‘यहूदी विरोधी’ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) से खुद को अलग कर लिया है और संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी के लिए सभी तरह के समर्थन को रद्द कर दिया है। ये हमास को फंड मुहैया कराती थी। इतना ही नहीं ट्रंप ने कहा कि वे गाजा में एक ऐसे भविष्य की कल्पना कर रहे हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर फिलिस्तीनियों (Palestinian) को शामिल नहीं किया जाता है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि "मुझे नहीं लगता कि लोगों को गाजा वापस जाना चाहिए। क्योंकि मैंने सुना है कि गाजा उनके लिए बहुत बदकिस्मत रहा है। वे नरक की तरह रहते हैं। वे ऐसे रहते हैं जैसे वे नरक में रह रहे हों। गाजा लोगों के रहने की जगह नहीं है, और वे वापस जाना चाहते हैं। इसका एकमात्र कारण ये है कि उनके पास कोई और विकल्प नहीं है।"
डोनाल्ड ट्रंप ने मिस्र और जॉर्डन के गाज़ा के फिलिस्तीनियों को अपने यहां शरण देने से इनकार करने के बावजूद इन्हीं देशों से फिर से फिलिस्तीनियों को शरण देने को कहा है। बता दें कि पिछले दिनों मिस्र, जॉर्डन समेत अरब देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी कर ट्रंप के सुझाव की आलोचना हुई थी और फिलिस्तीनियों को अपने यहां शऱण देने से इनकार कर दिया था। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप लगातार इन देशों से फिलिस्तीनियों को शरण देने का दबाव बना रहे हैं। अब ऐसे में फिलिस्तिनी शरणार्थियों के सामने एक बड़़ा संकट पैदा हो गया है कि वे अब कहां रहेंगे।
Published on:
05 Feb 2025 10:21 am
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