हालांकि, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव परिणाम की घोषणा होते ही ट्रंप को फोन कर उन्हें जीत की बधाई दी थी, लेकिन ट्रांजिशन प्रक्रिया शुरू होने के बाद शरीफ सबसे पहले दक्षिण एशियाई नेता हैं, जिनसे ट्रंप की बातचीत हुई है।
पाकिस्तान के प्रति ट्रंप का यह रुख उन लोगों को हैरान कर सकता है, जिन्होंने कयास लगाए थे कि ट्रंप पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कदम उठा सकते हैं, क्योंकि ट्रंप ने अपने प्रचार अभियान के दौरान पाकिस्तान की आलोचना की थी और इस्लामी आतंकवाद का कड़ा विरोध किया था।
लेकिन अब, पाकिस्तान के साथ उनका दोस्ताना व्यवहार उनके अन्य कथनों के अनुरूप नजर आ रहा है, जिसमें उन्होंने परमाणु हथियारों से लैस होने और अद्र्ध-स्थिर अवस्था के कारण पाकिस्तान से खतरे की बात की थी। प्रचार अभियान के दौरान उन्होंने एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा था कि हमारे संबंध थोड़े ठीक हैं और मुझे लगता है कि मैं इसे बनाए रखने का प्रयास करूंगा।
पाकिस्तानी मीडिया में जारी खबरों के मुताबिक, शरीफ के साथ बातचीत में ट्रंप ने पाकिस्तान की समस्याओं को सुलझाने में मदद की पेशकश की है। सना न्यूज के मुताबिक, ट्रंप ने शरीफ से यह भी कहा कि वह पाकिस्तान आकर उनसे मुलाकात करना चाहते हैं।
वहीं, पिछले महीने एक साक्षात्कार में ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के रिश्ते को ‘बेहद नाजुक’ बताया था और मध्यस्थता की पेशकश भी की थी। हालांकि अपने प्रचार अभियान के दौरान ट्रंप ने अपनी जमीन से आतंकवादी संगठनों को संचालित करने की अनुमति देने को लेकर पाकिस्तान की आलोचना की थी।