ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, तुर्की में कम से कम 2,921 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ दोनों देशों में कुल मरने वालों की कुल संख्या 4,365 हो गई है। सोमवार शाम को तुर्की में भूकंप का तीसरा झटका आया। इसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 6.0 रही। यह बीते 24 घंटों में तुर्की में आया तीसरा भूकंप है।
भूकंप से 2818 इमारतें जमींदोज हो गईं। मलबे के अंदर से अब तक 2470 लोगों को बचाया गया है। माना जा रहा है कि अभी भी हजारों लोग मलबे में फंसे हुए हैं। बड़े पैमाने पर बचाव एवं राहत अभियान जारी है।
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप को लेकर PMO में बैठक हुई जिसके बाद पीएम मोदी के निर्देश पर NDRF की 2 टीमें तुर्किए रवाना हुई हैं। एक भारतीय वायु सेना सी-17 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की खोज और बचाव टीमों के साथ तुर्की के लिए रवाना हो गया है। यह विमान एक बड़े राहत प्रयास का हिस्सा है जो IAF द्वारा अन्य भारतीय संगठनों के साथ किया जाएगा।
भारत के अलावा स्पेन, इजरायल और अमरीका ने भी इस मुश्किल वक्त में मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। स्पेन भी सीरिया के भूकंप प्रभावित लोगो की मदद के लिए आगे आया। मलबे में फंसे लोगों की तलाश के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित स्निफर डॉग्स भेजे गए। इजरायल ने भी तुर्की के लिए मदद का हाथ बढ़ाया. रेस्क्यू टीम तुर्किए के लिए रवाना हुई। वहीं, अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तुर्की और सीरिया में भूकंप से तबाही पर दुख जताते हुए कहा, प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचाएंगे।
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोगन ने देश के लोगों को संबोधित करते हुए आपातकाल लागू किया साथ ही 7 दिन के राष्ट्रीय शोक का एलान किया। राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोगन ने भूकंप के मद्देनजर आपात बैठक की, जिसमें भूकंप पीड़ितों के लिए हरसंभव मदद की पेशकश की है।