पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह (Rana Sanaullah)ने पाकिस्तान की प्रगति के लिए इमरान को लॉन्ग मार्च स्थगित करने, संसद में लौटने के लिए कहा और बातचीत के लिए आमंत्रित किया। साथ ही संभावित आतंकी खतरे की चेतावनी दी। हालांकि, इमरान ने कहा है कि जान के खतरे के बावजूद वे मार्च को संबोधित करेंगे और जनसभा पूरी तरह शांतिपूर्ण होगी।
पाकिस्तान के डॉन न्यूज के अनुसार एक निजी समाचार चैनल के साथ एक साक्षात्कार में इमरान ने कहा कि कुछ तत्व उनके और सेना के बीच विवाद चाहते थे। उन्होंने कहा कि उन्हें केवल सेना के भीतर कुछ काली भेड़ों के साथ समस्या थी, न कि पूरी संस्था से। सरकार के साथ बातचीत की किसी भी संभावना के बारे में उन्होंने पूछा: ‘यदि वे आम चुनाव जल्दी कराने के इच्छुक नहीं हैं, तो बात करने के लिए क्या बचा है?
इमरान ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें अभी भी धमकियों का सामना करना पड़ रहा है और वे सभी एहतियाती कदम उठाएंगे। इस बीच, पीटीआई पंजाब चैप्टर ने लॉन्ग मार्च के लिए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दिया और योजना बनाई कि दो कारवां अलग-अलग मोटरवे और जीटी रोड के माध्यम से रावलपिंडी की ओर बढ़ेंगे। सीएम इलाही ने आश्वासन दिया है कि मार्च के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।
इमरान खान को 3 नवंबर को एक रैली के दौरान पिंडली में गोली मार दी गई थी। जब उनके सरकार विरोधी काफिले पर एक शूटर ने हमला किया था। रैली में हिस्सा ले रहे इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के एक समर्थक की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक अन्य घायल हो गए। इसके चलते इमरान खान और उनकी पार्टी को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार पर समय से पहले चुनाव कराने के लिए दबाव बनाने के लिए आयोजित लॉन्ग मार्च को रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा था।