क्यों पहना प्याज का मास्क ? भूमि दिवस के दौरान इजरायल की सेना की तरफ से आंसू गैस के गोले दागे गए। आंसू गैस से बचने के लिए मोहम्मद ने अपने हाथों से ये मास्क बनाया था। प्याज का मास्क बनाना मोहम्मद अय्यश ने अपने पिता से सीखा है। तस्वीर वायरल होने के बाद 9 साल के लड़के को हमास प्रमुख इस्माइल हनियेह ने सम्मानित किया और उसकी बहादुरी की तारीफ भी की । आप को यहां ये बता दें कि अमरीकी विदेश विभाग ने हाल ही में हमास नेता इस्माइल हनियेह का नाम आतंकवादी सूची में शामिल किया है। मोहम्मद अय्यश का कहना है कि वो इजरायली सेना से नहीं डरता है कि उसका सपना है कि वह इजरायस से अपने पुरखों की जमीन वापस चाहता हैं।
लोग बना रहे हैं खुद मास्क वैसे इजरायल और गाजा पट्टी की सीमा पर फिलस्तीनी प्रदर्शनकारी आंसू गैस के प्रभाव से बचने के लिए अपने हाथों से बना मास्क पहन रहे हैं। जो काफी रचनात्मक और आकर्षित नजर आते हैं। पानी की बोतल, टायर जैसी चीजों से स्वयं मास्क बनाए जा रहे हैं। लेकिन इन मास्कों में एक बात समान है हर मास्क में आप को प्याज लगा हुआ जरूर दिखेगा।
हजारों फिलिस्तीनियों ने किया था प्रदर्शन
गाजा-इजरायल बॉर्डर पर पिछले माह हजारों फिलिस्तीनी नागरिकों ने प्रदर्शन किया था। 30 मार्च से 15 अप्रैल तक हुए इस प्रदर्शन में 25 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर और कई लोग जख्मी भी हुए थे। जमीन दिवस के दिन करीब 17 हजार फिलिस्तीनी नागरिक बॉर्डर स्थित पांच स्थानों पर जुटे थे। इन्हें ‘ग्रेट मार्च ऑफ रिटर्न’ नाम दिया गया। हजारों फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों ने ‘भूमि दिवस’ के मौके पर गाजा-इजरायल बॉर्डर स्थित बाड़े पर चढ़ने और उसे तोड़ने की कोशिश की थी। जिसके बाद इजरायली सेना ने उनपर गोलियां और आंसू गैस के गोले दागे। इजरायल सेना और फिलिस्तीनी नागरिकों के बीच हुई झड़प में कई लोगों की मौत और 2000 से ज्यादा घायल हुए। इजरायली सेना के मुताबिक इजरायली ज्यादातर लोग अपने कैंप्स में ही थे हालांकि, कुछ युवा इजरायली सेना की चेतावनी के बावजूद सीमा पर ही हंगामा करने लगे। उन्होंने बार्डर पर पेट्रोल बम और पत्थरों से हमला किया। जिसके बाद आईडीएफ ने भीड़ को हटाने के लिए फायरिंग कर दी। गौर करने वाली बात ये है कि पिछले बुधवार की रात इजराइल ने जब गाज़ा पट्टी पर बम से हमले किए तब इजराइल के पहाड़ी वाले शहर स्डेरोट में इसरायली पहाड़ पर बैठकर नीचे की तरफ गाजा के बमबारी को देखकर लोग ख़ुशी से झूम रहे थे
गाजा-इजरायल बॉर्डर पर पिछले माह हजारों फिलिस्तीनी नागरिकों ने प्रदर्शन किया था। 30 मार्च से 15 अप्रैल तक हुए इस प्रदर्शन में 25 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर और कई लोग जख्मी भी हुए थे। जमीन दिवस के दिन करीब 17 हजार फिलिस्तीनी नागरिक बॉर्डर स्थित पांच स्थानों पर जुटे थे। इन्हें ‘ग्रेट मार्च ऑफ रिटर्न’ नाम दिया गया। हजारों फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों ने ‘भूमि दिवस’ के मौके पर गाजा-इजरायल बॉर्डर स्थित बाड़े पर चढ़ने और उसे तोड़ने की कोशिश की थी। जिसके बाद इजरायली सेना ने उनपर गोलियां और आंसू गैस के गोले दागे। इजरायल सेना और फिलिस्तीनी नागरिकों के बीच हुई झड़प में कई लोगों की मौत और 2000 से ज्यादा घायल हुए। इजरायली सेना के मुताबिक इजरायली ज्यादातर लोग अपने कैंप्स में ही थे हालांकि, कुछ युवा इजरायली सेना की चेतावनी के बावजूद सीमा पर ही हंगामा करने लगे। उन्होंने बार्डर पर पेट्रोल बम और पत्थरों से हमला किया। जिसके बाद आईडीएफ ने भीड़ को हटाने के लिए फायरिंग कर दी। गौर करने वाली बात ये है कि पिछले बुधवार की रात इजराइल ने जब गाज़ा पट्टी पर बम से हमले किए तब इजराइल के पहाड़ी वाले शहर स्डेरोट में इसरायली पहाड़ पर बैठकर नीचे की तरफ गाजा के बमबारी को देखकर लोग ख़ुशी से झूम रहे थे