ग़ौरतलब है कि स्थानीय अख़बार ‘बिल्ज’ को दिए इंटरव्यू में देश के आंतरिक मामलों के मंत्री होर्स्ट सीहोफर ने कहा कि ईसाइयत ने जर्मनी को आकार दिया है और देश को अपनी मूल संस्कृति नहीं भूलनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि इस्लाम का जर्मनी से कोई संबंध नहीं है और ईसाइयत ने जर्मनी को आकार दिया है। इंटरव्यू में उन्होंने आगे कहा था कि जो मुसलमान हमारे बीच रहते हैं वो स्वाभाविक रूप से जर्मनी के हैं, पर इसका मतलब ये नहीं है कि हमें अपनी संस्कृति और पहनावे को त्याग देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुसलमान हमारे साथ रहें, लेकिन वो हमारे ख़िलाफ़ न रहें । यह बयान जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की नीतियों के ठीक विपरीत है। वो लंबे समय से एंजेला मर्केल की शरणार्थी नीतियों के मुखर आलोचक रहे हैं, लेकिन अब वो उनके साथ नए गठबंधन की सरकार में ज़िम्मेदार पद पर हैं। होर्स्ट सीहोफर का यह बयान उनकी दक्षिणपंथी पार्टी ‘अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी’ के वोटरों को वापस खींचने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है ।
गौरतलब है कि जर्मनी की संसद में बुधवार को एंजेला मर्केल को चौथी बार देश की चांसलर चुना। उनके फिर से चांसलर बनने से यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले इस देश में पिछले छह माह से जारी राजनैतिक अनिश्चितता का दौर समाप्त हो गया। पिछले साल 24 सितंबर को आम चुनाव के नतीजे आए थे लेकिन किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण जर्मनी अब तक सियासी अनिश्चितता के दौर में था। सरकार के गठन का रास्ता चुनाव के नतीजे आने के 171 दिनों बाद साफ हुआ है।