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साइक्लोट्रोट्स क्लब के संस्थापक चन्द्रेश शर्मा ने बताया कि रेस 28 जनवरी को होगी। इसके सिलसिले में साइक्लोट्रोट्स टीम के सदस्य गुरुवार को शहर पुलिस अधीक्षक से मिले। पुलिस अधीक्षक अंशुमान भौमिया ने इस इवेंट को सराहा और इसे शहर की जिंदादिली के लिए जरूरी बताया। शहर पुलिस अधीक्षक द्वारा रजिस्ट्रेशन भी कराया गया। पहली बार कोटा में 100 किलोमीटर की साइक्लिंग होने जा रही है। चार वर्गों में होने वाली मुकुन्दरा-2018 में 10 किमी, 25 किमी, 50 किमी और 100 किमी की साइक्लिंग होगी।
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जन्नत से कम नहीं मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व
देश में बाघों की बसावट व आबादी के लिए एक से बढ़कर एक प्राकृतिक व मुफीद वन्यक्षेत्र हैं, लेकिन फिर भी कई अभयारण्यों में बाघों का कुनबा बढ़ाने व उन्हें सुरक्षित माहौल देने में सरकार व वन विभाग को पसीने आ रहे हैं। इसके उलट मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व बाघों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं। यहां क्या नहीं है… घना जंगल, पहाड़, झरने, पोखर, तालाब और सदानीरा चम्बल और प्रकृति की गोद में पलते सैकड़ों प्रजाति के वन्यजीव। ऐसे में बाघों की बसावट के लिए मुकुन्दरा सुरक्षित, मुफीद और आदर्श जगह है। उल्लेखनीय है कि यहां इसी माह बाघ छोडऩा प्रस्तावित है। इस अनूठे रिजर्व में वन्यजीव, वनस्पति, पुरा सम्पदा पर्यटकों को आकर्षित करती है।
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ऐसा है टाइगर रिजर्व
मुकुन्दरा हिल्स को 9 अप्रेल 2013 को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। यह करीब 760 वर्ग किमी में चार जिलों कोटा, बूंदी, झालावाड़ व चित्तौडगढ़ में फैला है। करीब 417 वर्ग किमी कोर और 342 वर्ग किमी बफर जोन है। इसमें मुकुन्दरा राष्ट्रीय उद्यान, दरा अभयारण्य, जवाहर सागर व चंबल घडिय़ाल अभयारण्य का कुछ भाग शामिल है।