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Research : जानिए कौनसी बड़ी कंपनियां खोज रही हैं कोरोना का इलाज

Published: Apr 21, 2020 12:52:15 pm

-दिन-रात दवा और टीके पर हो रहा है काम-कुछ कंपनियों ने आनुवांशिक कोड (Genetic code) तो किसी ने एंटीबॉडी (Antibodies) को आधार बनाया

Research : जानिए कैसे बड़ी कंपनियां खोज रही हैं कोरोना का इलाज

कंपनियां खोज रही हैं कोरोना का इलाज

कोरोना वायरस के वैश्विक खतरा बनने के साथ ही दुनिया के कई दिग्गज दवा निर्माताओं ने दवा और वैक्सीन की खोज शुरू कर दी है। इनमें कुछ पुराने एंटीवायरल की मदद ले रहे हैं तो कुछ कोरोना के साथ ही भविष्य में इस तरह की महामारी से बचाव के सूत्र खोज रहे हैं। ऐसी ही दवा और वैक्सीन की चरणबद्ध जानकारी, जो आने वाले खतरे को टालने में मददगार होंगी।
1. गिलीड साइंस : दवा-तीसरा चरण (Gilead Sciences)
अमरीकी दवा कंपनी गिलीड की रेमडेसिविर दवा का पांच देशों में क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। चीन में एक हजार रोगियों पर इसका परीक्षण किया जा रहा है। इससे पहले इस दवा का परीक्षण इबोला के उपचार में किया गया था, लेकिन विफल रहा था।
2. एस्कलेटिस फार्मा : दवा-प्रथम चरण (ascetics farma)
चीनी कंपनी एस्कलेटिस द्वारा निर्मित दवा डैनोप्रेविर और रेटोनेविर को एचआइवी और हेपेटाइटिस-सी के उपचार में काम लिया जाता है। पिछले महीने कंपनी ने इनके मिश्रण का 11 रोगियों पर परीक्षण किया। इससे सभी 11 मरीज ठीक हो गए।
3. माडर्ना थेरेप्यूटिक्स : टीका-प्रथम चरण (Moderna)
अमरीकी कंपनी ने कोरोनावायरस के बाद वैक्सीन एमआरएनए-1273 को महज 42 दिन में तैयार कर लिया। ये वैक्सीन शारीरिक कोशिकाओं को एंटीबॉडी तैयार करने में मदद करेगा। इसके बाद ठीक हुए रोगी के एंटीबॉडी से संक्रमित का इलाज होगा।
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4. कैन्सिनो बायोलॉजिक्स : टीका-प्रथम चरण (CanSino Bio-B)
इबोला के लिए वैक्सीन बनाने वाली चीनी कंपनी कैन्सिनो कोरोनायरस वैक्सीन के परीक्षण के करीब है। कैनसिनो कोरोनावायरस के आनुवांशिक कोड के जरिए एंटीवायरल वैक्सीन बना रही है। इसके परीक्षण का मजंूरी मिल गई।
5. आर्कच्यूरस थैरेप्यूटिक्स : वैक्सीन-प्री-क्लीनिकल (Arcturus Therapeutics)
अमरीकी कंपनी ने ड्यूक विवि के साथ मिलकर आरएनए (जीन एडिटिंग से निकलने वाला प्रोटीन) से वायरस का खात्मा करने वाला टीका ईजाद किया है। इससे निकलने वाला प्रोटीन सकं्रमण के खतरे को दूर करेगा।
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6. बायो एन टेक : वैक्सीन : प्री-क्लीनिकल (BioNTech SE)
जर्मन कंपनी बायोएन टेक ने भी आनुवांशिक कोड में बदलाव कर एंटीबॉडी के उत्पादन और वैक्सीन पर काम कर रही है। इसके ट्रायल को मंजूरी मिल गई है। शंघाई की फोसुन फार्मा जल्द ही चीन में ये टीके उपलब्ध करवाएगी।
7. क्योरवैक : वैक्सीन-प्री क्लीनिकल (CureVac)
मॉडर्ना की तरह क्योरवैक भी इंसान के न्यूक्लिक अनुक्रम का इस्तेमाल कर प्रोटीन बनाएगी। जिससे वैक्सीन बनाया जाएगा। कंपनी का दावा है कि अप्रेल में पशुओं पर परीक्षण होने के बाद इसे जल्द ही इंसानों पर भी आजमाया जाएगा।
8. एली लिली: दवा-प्री क्लीनिकल (Eli Lilly and Company)
अमरीकी कंपनी ने कनाडाई फर्म एराबेलरा के साथ संक्रमण के उपचार में इस्तेमाल किए जाने वाले 500 तरह के एंटीबॉडी की पहचान की है, जो वायरस से इंसान की रक्षा करेगा। कंपनी 4 माह के भीतर इंसानों पर परीक्षण करेगी।
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9. ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन: वैक्सीन-प्री क्लीनिकल (GlaxoSmithKline)
ब्रिटेन की कंपनी ग्लैक्सो ने चीनी बायोटेक फर्म को अपनी तकनीक उधार दी है। कंपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर संक्रमण से लडऩे वाला वैक्सीन बना रही है। हालांकि कंपनी ने यह नहीं बताा कि इसका परीक्षण कब होगा?
10. इनोवियो फार्मास्यूटिकल्स : वैक्सीन-प्री-क्लीनिकल (Inovio Pharmaceuticals)
चार दशक से डीएनए को दवा में बदलने का काम कर रही अमरीकी कंपनी का दावा है कि इस तकनीक से वह कोरोनावायरस के उपचार का टीका बनाएगी। इस माह परीक्षण संभव। हर वर्ष दस लाख वैक्सीन बनाएगी।
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ये कंपनियां भी परीक्षण की तैयारी में
11. जॉनसन एंड जॉनसन (अमरीका)-वैक्सीन : प्री-क्लीनिकल
12. फाइजर (अमरीका)-दवा और वैक्सीन: प्री-क्लीनिकल
13. रिजेनरेन फार्मा. (अमरीका) -दवा : प्री-क्लीनिकल
14. सैनोफी (फ्रांस) -दवा और वैक्सीन : प्री-क्लीनिकल
15. टैकेडा (जापान) -दवा : प्री-क्लीनिकल
16. विर (अमरीका) -दवा : प्री-क्लीनिकल
(इन सभी के परीक्षण प्रक्रियाधीन हैं)

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