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युद्ध की विभीषिका से कैसे बचेंगी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर

-वर्ष 2001 में तालिबान (taliban) ने अफगानिस्तान के बामियान में बुद्ध की मूर्ति (bamiyan buddha) को क्षतिग्रस्त कर दिया। 2015 में आइएस आतंकियों (islamic state) ने सीरिया (syria) नव पाषाण काल के प्राचीन शहर पल्मायरा (palmyra) को नष्ट किया

Oct 22, 2019 / 04:55 pm

pushpesh

युद्ध की विभीषिका से कैसे बचेंगी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर

मध्य-पूर्व सहित दुनिया का आधा हिस्सा आज वर्चस्व और गृहयुद्ध की विभीषिका को झेल रहा है। इनमें जानमाल के नुकसान के साथ ही ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल भी निशाना बन रहे हैं। ऐसे युद्धों में आमतौर पर इन विरासतों को नुकसान होता है। पिछले दिनों ऐसे स्थलों को बचाने के लिए दुनियाभर के कलाकार, बुद्धिजीवी अमरीका में जुटे। वर्ष 2001 में तालिबान के हमले में अफगानिस्तान के बामियान में पर्वत शिला पर उत्कीर्ण बुद्ध की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया। 2015 में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने सीरिया में नवपाषाण काल के प्राचीन शहर पल्मायरा को काफी नुकसान पहुंचाया।
ऐसे ही कई और उदाहरण हैं, जब युद्ध के दौरान कई अमूल्य धरोहर क्षतिग्रस्त या जमींदोज की गई। इथियोपिया मूल के ब्रिटिश कवि लेमन सिसे कहते हैं, भौतिक संपदा नष्ट करने के बाद सांस्कृतिक महत्व के स्थलों को निशाना बनाया जाता है। यदि आप संस्कृति को नष्ट करते हैं तो वहां के जीवन को बर्बाद कर रहे हैं। ब्रिटिश उपन्यासकार एलिफ ने कहा, हमलावर जानबूझकर सभ्यता से जुड़ी स्मृतियों को नष्ट करते हैं।
यजीदियों के पवित्र स्थलों को ध्वस्त किया
2014 में उत्तरी इराक के माउंट सिंजर हर्टलैंड में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने यजीदी अल्पसंख्यकों के पवित्र स्थलों को ध्वस्त कर दिया था। इस दौरान आइएस के आतंकियों ने 9000 से अधिक यजीदी अल्पसंख्यकों को गोली मारकर या जिंदा जलाकर मार डाला।

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