नार्वे शरणार्थी परिषद (एनआरसी) के अनुसार, कर्मचारियों के दौरों से पता चला कि देश के उत्तर में स्थित अवील सेंटर काउंटी के बाहर रह रहे समुदाय के बच्चे व अन्य लोग पेड़ों और उनके बीजों पर आश्रित हैं।
भीषण खाद्य संकट दक्षिण सूडान में एनआरसी की निदेशक रेहाना जवर ने बताया कि जंगली खाद्य पदार्थों का सेवन इन समुदायों के लिए खाद्य संकट से बचने का एक तरीका है। संस्था ने कहा कि जमीनी स्तर पर आपातकालीन टीमों ने देश के कुछ हिस्सों में अकाल की घोषणा के बाद खाद्य संकट से प्रभावित 1,000,00 से अधिक लोगों की मदद की है।
संकट में जीवन संयुक्त राष्ट्र के अनुसार असुरक्षा और पहुंच की कमी ने चिंताजनक स्थिति को पहले ही जटिल बना दिया है, क्योंकि 1,000,00 से ज्यादा लोग अकाल-घोषित हिस्सों में भुखमरी का सामना कर रहे हैं, जबकि 10 लाख लोग इसके कगार पर हैं।