प्यारे लंदन, मैं एक समुदाय विशेष से हूं। मेरी उम्र 14 साल है और लंदन मेरा घर है। पिछले दिनों जब सुबह उठकर मैंने टीवी चलाया तो उसमें न्यूज़ देखी। यह देखते ही मुझे समझ आ गया था कि स्कूल में आज सब मुझसे क्या जवाब चाहेंगे।
फिर भी मैं स्कूल गई। वहां जैसे ही ताजा घटनाओं की बात हुई सबकी निगाहें मेरी ओर हो गईं। मुझे बहुत ही बुरा लगा, मानो उन्होंने लगभग मुझे ही दोषी मान लिया हो। लेकिन मैं किस बात के लिए दोषी हूं? मुझे पता नहीं चल पा रहा था।
क्या मैं पागल थी या मेरी निगाहें खुद ही कमरे के आखिर में पसरे अंधेरे की ओर जा रही थीं? इसके बाद मैं अपने पहले लैसन के लिए गई। वहां एक लड़की ने मुझसे पूछा- रात को तुम कहां थी? बुरा लगा, बहुत बुरा, पर मैं इस पर हंस दी, क्योंकि जब आप कुछ नहीं जानते तो आप यही करते हैं। हर शनिवार को वेस्टमिस्टर से गुजरने से पहले मैं दो बार सोचती हूं। क्योंकि मुझे डर है कि मेरे हिजाब के कारण मुझ पर कोई हमला कर देगा।
हम समुदाय विशेष से हैं, लेकिन हम आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। मैं हर समय इस परेशानी से जूझ रही हूं। उम्मीद है कि इस खत के बाद लोग समुदाय विशेष को परेशान नहीं करेंगे। किसी की गलती पर किसी दूसरे को दोषी बताना या उससे अलग सा व्यवहार करना सही नहीं है।