नर्मदापुरम को टूरिज्म कैपिटल बनाने ले रहे आइडिया, निजी सहभागिता पर जोर
-राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी हुई, सांस्कृतिक-ऐतिहासिक विरासत को सहेजना सभी की जिम्मेदारी
होशंगाबाद
Published: March 11, 2022 11:24:42 am
नर्मदापुरम. नर्मदानगरी को पर्यटन की राजधानी बनाने और विरासत को सहेजने के लिए लोगों, विभिन्न संगठन-संस्थाओं से नए-नए आइडिया लिए जा रहे हैं। इसी संदर्भ में गुरुवार को नर्मदा कॉलेज सभागार में टूरिज्म कैपिटल पर्यटन और विरासत प्रबंधन विषय पर राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी विश्व बैंक परियोजना एवं जनभागीदारी समिति के माध्यम से आयोजित की गई। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के मुख्य आथित्य में संगोष्ठी हुई। अध्यक्षता पंडित भवानी शंकर शर्मा ने की। संगोष्ठी का संचालन प्राध्यापक डॉ हंसा व्यास ने किया। संगोष्ठी में सभी ने पर्यटन और विरासत प्रबंधन विषय पर अपने-अपने विचार साझा किए गए। इस मौके पर इस विषय पर आधारित प्रदर्शन भी लगाई गई। जिले के पर्यटन व ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में एनईएस संचालक डॉक्टर अरुण शर्मा सहित पर्यटन, पुरातत्व आदि विषयों के विषय विशेषज्ञ सहित महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
आदमगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को सहेजेंगे
कलेक्टर सिंह ने बताया कि कैसे आज भीमबेटका कि शेल चित्रकलाएं यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल है और आदमगढ़ की पुरातत्व पहाडिय़ा जागरूकता के अभाव में धीरे-धीरे अपना महत्व खो रही है। हमारी संस्कृति विरासत को सहजने की आवश्यकता है। इसके लिए प्रयास शुरू किए गए हैं।
किसने क्या कहा....
नर्मदापुरम जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं है। यहां का सांस्कृतिक परिदृश्य समृद्ध और गौरवशाली हैं। सरकार ने भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक जिला एक उत्पाद में नर्मदापुरम जिले के लिए पर्यटन का चयन किया है। पर्यटन रोजगार सर्जन के साथ ही हमारी समझ के विकास में भी सहायक है। हमारे मनीषियों ने घूम-घूम कर हमारी सांस्कृतिक विरासत को खोजा है। इसी घुमंतू जिज्ञासा से ही किसी भी चीज को देखने की समझ आती है। नर्मदापुरम की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को समझने, सहेजने और विश्व को रूबरू कराने की आवश्यकता है।
-पंडित भवानीशंकर शर्मा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष
जो स्टूडेंट बेस्ट प्रपोजल देना उसे लागू करेंगे
नर्मदापुरम को टूरिज्म कैपिटल बनाने के लिए निजी सहभागिता और नवीन आइडिया लिए जा रहे हैं। किसी भी नए आइडिया को पूरा करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति आवश्यक है। जो छात्र जिले में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए बेस्ट प्रपोजल बनाएगा, उसे सभी शासकीय स्वीकृति प्रदान करते हुए क्रियान्वित करेंगे। नर्मदापुरम की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को सहेजने और संरक्षित करना हम सभी की जिम्मेदारी है। पर्यटन के अकूत भंडार को अभी काफी एक्सप्लोर करने की जरूरत है। ताकि बाहरी राज्यों से ज्यादा से ज्यादा पर्यटक पचमढ़ी-मढ़ई आदि पर्यटन स्थलों के प्रति आकर्षित कर सके। एक क्लिक पर पर्यटन की सारी जानकारी देने के लिए एप लॉंच किया जा रहा है। पर्यटन व्यवसाय की संभावनाएं तलाशी जा रही है।
-नीरज कुमार सिंह, कलेक्टर नर्मदापुरम।
इन्होंने भी दिए सुझाव
-मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक एम एल जैन ने पर्यटन से रोजगार सर्जन पर जोर दिया। बताया कि पर्यटन शब्द नया है किंतु अवधारणा प्राचीन है। हमारे इतिहास में आध्यात्मिक यात्रा जैसे चार धाम का विशेष महत्व है। उत्तराखंड राज्य में यह यात्रा रोजगार का महत्वपूर्ण स्रोत है। नर्मदापुरम जिले में कदम कदम पर पर्यटन की संभावनाएं विद्यमान है।
-सांची बौद्ध विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर अलकेश चतुर्वेदी ने कहा पर्यटन बिना निवेश का व्यवसाय हैं। नर्मदापुरम का ऐतिहासिक , सांस्कृतिक इतिहास समृद्धशाली है। नर्मदा कॉलेज के प्राचार्य डॉ ओएन चौबे एवं संयोजक डॉ बीसी जोशी ने भी नर्मदापुरम जिले में पर्यटन की संभावना पर सुझाव दिए।

नर्मदापुरम को टूरिज्म कैपिटल बनाने ले रहे आइडिया, निजी सहभागिता पर जोर
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