वैश्विक स्तर पर चुनौतियां अपने ताजा अनुमान में वैश्विक वित्तीय संस्थान की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया है कि, “सबसे बुरा वक्त अभी आना बाकी है। साल 2023 भारी मंदी की तरह महसूस होगा।” इस तरह से अनुमानों को नकारात्मक रूस से संशोधित करते हुए आईएमएफ ने जुलाई में अपेक्षित दर से 2023 के लिए वैश्विक विकास दर में संशोधन कर गिरावट को दिखाया है। अनुमान में अगले ग्लोबल स्तर पर मात्र 2.7 फीसदी दर की वृद्धि की उम्मीद की गई है। यह पिछले साल की 6 प्रतिशत की वृद्धि और इस वर्ष के 3.2 प्रतिशत की वृद्धि के पूवार्नुमान से काफी कम है।
2001 के बाद सबसे कमजोर ग्रोथ अमुमान आईएमएफ ने कहा, यह कोविड-19 महामारी और वैश्विक वित्तीय संकट के तीव्र गिरावट के चरण को छोड़कर, 2001 के बाद से ‘सबसे कमजोर ग्रोथ प्रोफाइल’ है। यह सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए ‘महत्वपूर्ण मंदी’ को दर्शाता है, क्योंकि अमरीका का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2022 की पहली छमाही में संकुचित हुआ है, इसके बाद 2022 की दूसरी छमाही में यूरो क्षेत्र का संकुचन और चीन में लंबे समय तक कोविड-19 का प्रकोप और लॉकडाउन रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “दुनिया एक अस्थिर दौर में है : आर्थिक, भू-राजनीतिक और पारिस्थितिक परिवर्तन सभी आर्थिक ग्रोथ के वैश्विक दृष्टिकोण को प्रभावित करते हैं।” रिपोर्ट के अनुसार, विश्व अर्थव्यवस्था का लगभग एक तिहाई हिस्सा लगातार दो तिमाहियों में नकारात्मक वृद्धि का सामना कर रहा है, आईएमएफ ने भी यही भविष्यवाणी की है।