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लुहांस्क, जापोरिजिया, दोनेत्स्क और खेरसॉन में जनमत संग्रह शुरू, रूसी सेनाएं घर-घर ले जा रही हैं मतदान पत्र

Russia-Ukraine War Updates: रूस ने कुछ चुनिंदा समूह के लोगों को सेना में काम करने को कहा है। ये लोग रूसी सेना के आरक्षित सैन्यबलों के लोग हैं जो पहले भी रूसी सेना के लिए काम कर चुके हैं।

Sep 24, 2022 / 10:54 am

Swatantra Jain

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रूस के कब्जे में आए यूक्रेन के चार शहरों में जनमत संग्रह शुरू हो चुका है। यूक्रेनियन लोगों ने मीडिया को बताया है कि रूस में शामिल होने पर रूस द्वारा स्वघोषित “जनमत संग्रह” के लिए वोट लेने के लिए रूस के सशस्त्र सैनिक देश के कब्जे वाले हिस्सों में घर-घर जाकर वोट ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि फिलहाल इस जनमत संग्रह में आपको मौखिक रूप से जवाब देना होता है और सिपाही उत्तर को शीट पर अंकित करके दर्ज कर लेता है। वहीं, रूस के स्टेट मीडिया का कहना है कि डोर-टू-डोर मतदान लोगों की “सुरक्षा” के लिए है। कहा जा रहा है कि, इन-पर्सन वोटिंग विशेष रूप से 27 सितंबर को होगी। रूसी समाचार एजेंसी तासा के अनुसार ये दावा किया गया है।जबकि तब तक अन्य दिनों की तरह, समुदायों में और डोर-टू-डोर तरीके से मतदान आयोजित किया जाएगा।
लुहांस्क, जापोरिजिया, दोनेत्स्क और खेरसॉन में जनमत संग्रह

प्राप्त जानकारी के अनुसार, शुक्रवार से रूस के कब्जे में आए यूक्रेन के चार क्षेत्रों में जनमत संग्रह शुरू हुआ। लुहांस्क, जापोरिजिया, दोनेत्स्क और खेरसॉन क्षेत्र में मतदान हो रहा है। इन क्षेत्रों पर रूस का कब्जा है। जनमत संग्रह से यह निर्धारित होगा कि ये क्षेत्र रूस का अभिन्न हिस्सा बनेंगे अथवा नहीं। रूस से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
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https://twitter.com/BBCWorld/status/1573386299570098180?ref_src=twsrc%5Etfw
https://twitter.com/AFP/status/1573438280452001796?ref_src=twsrc%5Etfw
पांच दिन चलेगा मतदान 
रूस के कब्जे वाले यूक्रेन के क्षेत्रों में 23 सितंबर से 26 सितंबर तक यानी पांच दिन मतदान चलेगा। अधिकारियों ने बताया कि जनमत संग्रह के पहले चार दिन चुनाव अधिकारी लोगों के घरों पर मतपत्र लेकर जाएंगे और रिहायशी इमारतों के नजदीक हर अस्थायी मतदान स्थल बनाएंगे। यह मतदान ये निर्धारित करने के लिए हो रहा है कि लोग इन क्षेत्रों को रूस में शामिल किए जाने की इच्छा रखते हैं अथवा नहीं। माना जा रहा है कि परिणाम रूस के पक्ष में रहेंगे।
भावुक करने वाली तस्वीरों की आई बाढ़

मतदान के बीच रूस के सोशल मीडिया मंच पर भावुक कर देने वाली तस्वीरों की बाढ़ आ गई। इन तस्वीरों में लोग सैन्य केन्द्रों के लिए रवाना होने वाले अपनों को गले लगाकर उन्हें विदाई देते नजर आए। देश के लगभग सभी शहरों से पुरुष रवाना होने से पहले भावुक हुए अपने परिजनों से गले मिलते और उन्हें सांत्वना देते नजर आए।
इजियम में एक सामूहिक कब्र से निकले 436 शव

सामूहिक कब्र से 436 शव निकाले यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा कि पूर्वी शहर इजियम में एक सामूहिक कब्र को खोद कर 436 शव निकाले गए हैं। इनमें से 30 शवों पर प्रताड़ित किए जाने के निशान हैं। इस महीने यूक्रेनी सैनिकों द्वारा वापस अपने नियंत्रण में लिए गए इलाकों में तीन और सामूहिक कब्र का पता लगाया है।
युद्ध अपराध के सबूत मिले

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संस्था के विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन में युद्ध अपराध होने के सबूत मिले हैं। विशेषज्ञों को यूक्रेन में मानवाधिकारों के उल्लंघन का पता लगाने के लिए नियुक्त किया गया था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त जांच आयोग के विशेषज्ञों ने अपनी पड़ताल में अभी तक चार क्षेत्रों- कीव, चेर्निहीव, खारकीव और सुमी पर ध्यान केंद्रित किया है। 
पुतिन ने पश्चिमी देशों को कड़ी चेतावनी देने के साथ नागरिकों से जंग के लिए तैयार रहने को कहा था। इससे ये साफ है कि युद्ध अभी खत्म नहीं होने वाला। पुतिन का ये फैसला दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
मास्को द्वारा कुछ और सैनिकों की भर्ती क्यों
रूस ने कुछ चुनिंदा समूह के लोगों को सेना में काम करने को कहा है। ये लोग रूसी सेना के आरक्षित सैन्यबलों के लोग हैं जो पहले भी रूसी सेना के लिए काम कर चुके हैं। रूस के रक्षामंत्री का कहना है कि पहले चरण में करीब तीन लाख सैनिकों को इस प्रक्रिया के तहत रूसी सेना से जोड़ा गया है।
रूस के इस फैसले का क्या मतलब है?
बता दें, यूक्रेन की सेना ने उत्तपूर्वी और दक्षिणी के हिस्से को रूस के कब्जे से वापस ले लिया है। रूसी सेना को इस युद्ध में भारी क्षति हुई है। पुतिन ने इसी की भरपाई के लिए आम लोगों से हथियार उठाने का आह्वान किया है। हालांकि इस फैसले से दोनों देशों के बीच संघर्ष और गहराएगा।

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