भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने स्कॉर्पिन सबमैरिन लीक को एक गंभीर मसला माना है और इससे हुए नुकसान की भरपाई में लगे हुए हैं।
नई दिल्ली. स्कॉर्पिन डील लीक होने की घटना को भारत सरकार ने गंभीरता से लेते हुए फ्रेंच कंपनी डीसीएनएस के नये प्रस्तावों को ठंडे बस्ते में डालने के संकेत दिए हैं। बताया गया है कि डीसीएनएस ने तीन अतिरिक्त स्कॉर्पिन सबमैरिन बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार के समक्ष रखा था, जिसे रक्षा मंत्रालय ने रद्द करने का लगभग मन बना लिया है।
फ्रेंच कंपनी को लग सकता है बड़ा झटका
फ्रेंच कंपनी डीसीएनएस के सहयोग से छह सबमैरिन बनकर करीब-करीब तैयार हो गया है। इस करार को आगे बढ़ाने के लिए फ्रेंच कंपनी ने सोवियत संघ के दौर में भारतीय नौसेना के तैयार बेड़े को मजबूती देने के लिए तीन अतिरिक्त सबमैरिन तैयार करने का प्रस्ताव पिछले वर्ष रखा था। इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने पर भारतीय रक्षा मंत्रालय ने आगे बढ़ाने को लेकर मन भी बना लिया था। इस बीच स्कॉर्पिन सौदा लीक हो जाने से रक्षा मंत्रालय ने अब अपनी रणनीति को बदलते हुए इसे आगे नहीं बढ़ाने के संकेत दिए हैं। भारतीय रक्षा अधिकारियों ने बताया है कि अब डीसीएनएस के साथ पहले से तय पुराना सौदा बरकरार रहेगा।
भारत ने लीक के बाबत मांगा ब्यौरा
भारत सरकार ने फ्रेंच कंपनी डीसीएनएस से स्कॉर्पिन डील लीक के संबंधित सभी जानकारियां डिटेल में देने को कहा है। इसमें स्कॉर्पिन इंटेलिजेंस गेदरिंग फ्रीक्वेंसीज, डाइविंग डेप्थ, एंड्रयूरेंस और विपंस स्पेसिफिकेशन आदि शामिल हैं। दूसरी तरफ सेना के वरिष्ठ अधिकारियों का एक समूह को इसके फीचर्स में तब्दीली के निर्देश दिए हैं। सबमैरिन सेना को मई में सुपुर्द करने से पहले इस काम को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
डीसीएनएस के अधिकारी परेशान
कंपनी के अधिकारी इमैनुअल गौडेज का कहना है कि इस बात की सूचना मिलने के बाद वो सन्न रह गए। यह कैसे हो सकता है कि सौदा रद्द हो जाए। हमारी भारत सरकार और इंडियन पार्टनर से बातचीत जारी है। वैसे हमें अभी इस तरह की कोई जानकारी नहीं मिली है।