यूरोपियन यूनियन ने ईरान की तेजी से गिरती हुई अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए चार अरब नौ करोड़ 56 लाख रुपए की मदद राशि देने की घोषणा की है। पहली किस्त के तौर पर करीब एक अरब 48 करोड़ रुपए की राशि भी दी है जिससे स्थिति को संभाला जा सके। ट्रंप के इस फैसले के खिलाफ हजारों की संख्या में ईरानी नागरिक विरोध में सडक़ों पर उतर आए क्योंकि इससे उनकी नौकरियों पर संकट आया जबकि अर्थव्यवस्था को भी बड़ा नुकसान हुआ।
अब यूरोपीय संघ ट्रंप प्रशासन के निर्देशों को अनदेखा कर रहा है बल्कि अपनी कंपनियों से कह रहा है कि ईरान के साथ व्यापार करने में किसी तरह की हिचक नहीं होनी चाहिए। अब पूरा दारोमदार यूरोपीय यूनियन की प्रतिनिधि फेडेरिका मॉगेरनी पर है जो विदेश मामलों का प्रतिनिधित्व करती हैं। अमरीकी प्रतिबंध के बाद इन्होंने कहा है कि वे हर हाल में ईरान के साथ खड़ी रहेंगी। कंपनियों से अपील की है कि अमरीका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का बहिष्कार करें और ट्रंप प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। यूरोपियन यूनियन ने ईरान की तेजी से गिरती हुई अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए चार अरब नौ करोड़ 56 लाख रुपए की मदद राशि देने की घोषणा की है। पहली किस्त के तौर पर करीब एक अरब 48 करोड़ रुपए की राशि दे भी दी है। वहीं इस मसले में भारतीय विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि भारत संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का पालन करेगा लेकिन किसी विशिष्ट राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का पालन वे किसी हाल में नहीं करेगा।
वाशिंगटन पोस्ट से विशेष अनुबंध के तहत