उधर वियतनाम और अन्य दक्षिण एशियाई देशों ने चीन पर दक्षिण चीन सागर में ऐसी ही हिमाकत करने का आरोप लगाया है। ऐसे में जिस तरह भारत के खिलाफ चीन-पाकिस्तान अपनी सैन्य ताकत का समर्थन करते हैं, अब भारत और वियतनाम, चीन के लिए चुनौती बनेंगे। पाकिस्तान हिंद महासागर में चीन के नौसैनिक बेड़े की मौजूदगी का पक्ष लेता रहा है, तो इसके जवाब में वियतनाम ने चीन के विरोध के बावजूद दक्षिणी चीन सागर में अपने तटीय क्षेत्रों में तेल और गैस भंडारों की खोज के लिए भारत का सहयोग कर रहा है। वियतनाम दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत का प्रमुख साझेदार है। दोनों देशों के बीच व्यापार के साथ ही सैन्य प्रशिक्षण और खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान को लेकर समझौता है, जो हिंद महासागर में चीन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए काफी महत्वपूर्ण है। वियतनाम ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) और एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग में भारत की सदस्यता का पुरजोर समर्थन किया है।