इन दस्तावेजों से साफ है कि अमरीका उन दिनों पाकिस्तान को बचाने की रणनीति पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रहा था। साथ ही वह भारत को मदद रोकने की धमकी भी दे रहा था। अमरीका इसके लिए चीन और रूस की मदद भी लेने पर विचार कर रहा था।
दस्तावेजों के मुताबिक बांग्लादेश के निर्माण के बाद अमेरिका ने सोचा था कि तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पीओके पर कब्जे के लिए पश्चिम पाकिस्तान पर हमले का आदेश दे सकती हैं। भारत ने 1971 में पाकिस्तान के पूर्वी हिस्से को पड़ोसी देश से अलग कर बांग्लादेश के गठन में प्रमुख भूमिका निभाई थी।
दस्तावेजों से ये खुलासा भी हुआ है कि अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के साथ ही उनके सुरक्षा सलाहकार हेनरी किसिंजर इस दिशा में काफी सक्रिय थे। सीआइए के एक अन्य दस्तावेज के मुताबिक, ‘किसिंजर ने 17 अगस्त, 1971 को एक्शन ग्रुप की एक और बैठक की अध्यक्षता की।स्पेशल एक्शन ग्रुप की एक बैठक में सीआइए के तत्कालीन निदेशक रिचर्ड होम्स ने बताया था, ‘लड़ाई खत्म होने से पहले इंदिरा गांधी पाकिस्तान की सैन्य और हवाई लड़ाकू क्षमता को नष्ट करने की कोशिश कर सकती हैं।’
गौरतलब है कि उस समय अमरीकी राष्ट्रपति और विदेश मंत्री दोनों ने युद्ध की स्थिति में भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दे दी है। लेकिन इसे कैसे लागू किया जाएगा, अमेरिकी प्रशासन में इस बात का किसी को पता नहीं है।