याचिका का नाम ‘वी द पीपुल’ रखा गया है। इसमें कहा गया है कि जाधव को भारतीय जासूस होने के शक में गिरफ्तार किया गया और बिना किसी सबूत के फांसी की सजा सुना दी गई।
बता दें कि इस याचिका पर 14 मई तक एक लाख लोगों के हस्ताक्षर होंगे तभी ट्रंप प्रशासन इस पर विचार रखेगा। इंडो-अमरीकन लोगों का कहना है कि जाधव को बचाने के लिए भारत को पाकिस्तान ने काउंसलर नहीं लेने दिया तथा बिना किसी ठोस सबूत के जाधव को सजा सुना दी। इसलिए ट्रंप प्रशासन को एक्शन लेना चाहिए ताकि बेकसूर जाधव को सजा ना मिले।
बता दें कि 46 साल के जाधव को पाकिस्तान ने इरान से गिरफ्तार किया है और उसे भारतीय जासूस बता कर फांसी की सजा सुना दी। भारत सरकार जाधव को बचाने की हरसंभव कोशिश कर रही है पर पाकिस्तान भारत के हर दावे को ठुकरा रहा है।