उनके इसी साहस को देखते हुए इंडो-अमेरिकन कम्युनिटी ने ग्रिलट को 1 लाख डॉलर यानी करीब 63 लाख रुपए से सम्मानित किया है। इयान कंसास में अपना घर बनाना चाहते थे, जिसके लिए इंडो-अमेरिकन कम्युनिटी ने ये रकम जुटाई।
इंडो-अमेरिकन कम्युनिटी ने फेसबुक पेज पर लिखा, “निस्वार्थ रूप से भारतीय की जान बचाने के लिए किए गए इस काम का इंडिया हाउस सम्मान करता है और हम ग्रिलट को घर खरीदने में मदद करके आभार व्यक्त करते हैं।”
ग्रिलट ने कहा, “मेरे पास अब एक बहुत अहम मैसेज है। अगर मैं लोगों को मजबूत करने में मदद कर सकता हूं, उन्हें प्यार बांट सकता हूं, आशाएं जगा सकता हूं, तो मुझे ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए? मैं यहां इंडिया हाउस में आकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं, जो कि लंबे अरसे से ह्यूस्टन में कई कम्युनिटीज की फैमिलीज का ध्यान रख रहा है।”
कंसास हमले में घायल होने के बाद ग्रिलट हॉस्पिटल में थे। तब उनसे पूछा गया कि ऐसा क्यों किया? ग्रिलट ने कहा, “मैंने वही किया, जो वहां मौजूद कोई भी इंसान दूसरे इंसान के लिए करता, बगैर इस बात की परवाह किए कि वो कहां से ताल्लुक रखता है और उसकी जाति क्या है।”
बता दें कि फरवरी में कैंजस शहर में स्थित एक बार में मामूली बहस से बौखलाए एक अमेरिकी श्वेत नागरिक ने 2 भारतीय इंजिनियरों- श्रीनिवास कुचिभोतला और आलोक मदासानी पर गोली चलाई थी। इस घटना में श्रीनिवास की मौत हो गई थी। हमलावर की गोली शायद आलोक की भी जान ले लेती लेकिन मौके पर मौजूद एक अन्य अमेरिकी नागरिक इयान ग्रिलट अपनी जान की परवाह ना करते हुए आलोक की मदद के लिए आए। इस कोशिश में इयान खुद को घायल हो गए।