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लद्दाख में पत्थरबाजी पर उतरे चीनी सैनिक, दो घंटे में खदेड़ दिया गया

सूत्रों के अनुसार मंगलवार सुबह पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों देशों के जवान आमने-सामने आ गए।

Aug 16, 2017 / 08:17 am

Apurva

नई दिल्ली. डोकलाम विवाद के बीच भारत-चीन की सेना एक और सीमा क्षेत्र में टकराव की खबर है। सूत्रों के अनुसार दोनों देशों की सेनाएं पेंगोंग झील के करीब टकरा गईं। मंगलवार सुबह पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों देशों के जवान आमने-सामने आ गए। दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक गतिरोध चलता रहा। घुसपैठ की कोशिश नाकाम होता देख चीनी सैनिकों ने पत्थरबाजी भी की। जानकारी के अनुसार इसके बाद दोनों ओर के जवान वापस लौट गए। टकराव की असल कारण अभी स्पष्ट नहीं।
ऐसी है पेंगोंग झील
पेंगोंग हिमालय में एक झील है। इसकी ऊंचाई लगभग 4500 मीटर है। यह 134 किमी लंबी है और भारत के लद्दाख से तिब्बत पहुंचती है। इस झील का 60 फीसदी हिस्सा चीन में है।
डोकलाम विवाद के बावजूद चीन से 33% ज्यादा आयात
एक तरफ डोकलाम के मुद्दे पर भारत-चीन के बीच तनाव लगातार बना हुआ है। इसका असर दोनों देशों के राजनीतिक रिश्तों पर तो पड़ा है, लेकिन आर्थिक रिश्ते और मजबूत हुए हैं। दिलचस्प बात यह है कि भारत का चीन से आयात लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले साल की तुलना में इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रेल-जून) में चीन से आयात में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मीडिया रिपोट्र्स अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत ने 11 हजार करोड़ रुपए का सामान चीन से आयात किया जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आठ हजार करोड़ रुपए का सामान आयात किया गया था। चीन से आयतित माल में इलेक्ट्रॉनिक सामान, इंजीनियरिंग गुड्स और केमिकल्स प्रमुख हैं।
ऐसे शुरू हुआ विवाद
दोनों देशों के बीच विवाद तब शुरू हुआ जब चीन ने भूटान की डोकलाम घाटी में सडक़ बनानी शुरू कर दी। भारतीय सैनिकों ने उसे सडक़ बनाने रोका क्योंकि ये इलाका भारत की सुरक्षा के लिहाज से काफी संवेदनशील है। चीन ऐसी सडक़ बना रहा था जिस पर से 40 टन वजन तक के सैन्य वाहन भी आसानी से आ-जा सकें। चीन डोकलाम को अपना डोंगलॉन्ग इलाका बताता है। चीनी मीडिया, सेना और विदेश मंत्रालयों लगातार भारत के खिलाफ भडक़ाऊ बयान दे रहे हैं।
भारत डोकलाम से अपने सैनिक हटाए
चीन की मांग है कि भारत डोकलाम से अपने सैनिक हटाए तभी दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर सार्थक बातचीत हो सकेगी। वहीं भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में कहा था कि भारत और चीन दोनों को एक साथ इलाके से सैनिक हटाने चाहिए। चीनी मीडिया ने भारत को 1962 के युद्ध का सबक याद रखने की बात कही गई। इस पर भारतीय रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत अब 1962 वाला नहीं है। बाद एक अन्य बयान में जेटली ने कहा कि चीन से 1962 में मिले सबक का नतीजा 1965 और 1971 में देखने को मिला था। 1965 और 1971 में भारत ने पाकिस्तान को युद्ध में हराया था।

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