हमले के लिए बम बनाने वाला पाटेक करीब 10 साल तक फरार रहने के बाद 2011 में पाकिस्तान से पकड़ लिया गया था। एक साल बाद एक इंडोनेशियाई अदालत द्वारा दोषी ठहराया गया। अभियोजकों ने उसके लिए आजीवन कारावास की मांग की थी। आखिरकार, उसे 20 साल की सजा सुनाई गई। पाटेक को 2000 में जकार्ता में बम विस्फोटों की एक श्रृंखला से संबंधित अन्य आरोपों में भी दोषी ठहराया गया था, जिसमें 19 लोग मारे गए थे।
इंडोनेशिया ने बाली बम धमाकों के मुख्य अपराधियों में से तीन को मौत की सजा सुनाई और उन्हें 2008 में मार डाला गया। एक चौथे, अली इमरान को माफी मांगने और पश्चाताप व्यक्त करने के बाद उम्रकैद की सजा दी गई। एक एन्सेप नूरजामन या हम्बली के नाम से जाने जाना वाला शख्स अमरीका की ग्वांतानामो बे में 16 वर्षों से कैद है।
ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की मदद से, इंडोनेशिया ने बाली हमलों के मद्देनजर डेंसस 88 नामक एक विशिष्ट पुलिस इकाई की स्थापना की और जेआई को काफी कमजोर कर दिया गया है। इंडोनेशिया ने अगस्त में घोषणा की कि पाटेक अपनी सजा में कुछ कटौती के बाद पैरोल के लिए पात्र हो गया था। ऑस्ट्रेलिया ने इस फैसले की आलोचना की। ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्लेस ने कहा कि हमले में अपने प्रियजनों को खोने वाले लोगों के लिए यह एक बेहद निराशाजनक दिन है।