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मोरेलिटी पुलिस खत्म किए जाने से ईरान के सरकारी मीडिया ने किया इंकार

locationनई दिल्लीPublished: Dec 06, 2022 08:02:24 am

Submitted by:

Swatantra Jain

ईरान में नैतिकता पुलिस खत्म किए जाने की अपुष्ट खबरों के बीच सोमवार से ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलनकारियों ने तीन दिन की हड़ताल शुरू हो गई है।

Iran three days protest over morality police

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तेहरान। ईरान में नैतिकता पुलिस खत्म किए जाने की अपुष्ट खबरों के बीच सोमवार से ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलनकारियों ने तीन दिन की हड़ताल शुरू हो गई है। यह हड़ताल 22 वर्षीय युवती महसा अमीनी की 16 सिंतबर को पुलिस कस्टडी में मौत के बाद देश भर में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में सरकार पर दबाव बनाए रखने के लिए बुलाई गई है। इस हड़ताल के क्रम में बुधवार को ईरान में छात्र दिवस के मौके पर एक विरोध प्रदर्शन भी बुलाया गया है।
बता दें, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी बुधवार को छात्र दिवस के मौके पर तेहरान विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करने वाले हैं। प्रदर्शनकारियों की यह हड़ताल भी बुधवार को जारी रहेगी और तेहरान के आजादी चौक पर बुधवार को एक रैली भी बुधवार को ही बुलाई गई है। प्रदर्शनकारियों ने सोमवार से बुधवार तक किसी भी आर्थिक गतिविधि का तीन दिनों तक बहिष्कार करने की भी अपील की है, जिसका देशव्यापी असर देखा जा रहा है। ईरान की 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से ये विरोध प्रदर्शन देश में अब तक हुए सबसे बड़े सरकार विरोधी प्रदर्शन हैं।
अब तक 470 प्रदर्शनकारियों की मौत
हिजाब विरोधी आंदोलन के चलते रविवार तक हुई हिंसा में 470 प्रदर्शनकारी मारे जा चुके थे, जिनमें 64 नाबालिग भी शामिल हैं। अब तक सरकार ने 18,210 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। जबकि सुरक्षा बलों के 61 सदस्य मारे गए हैं। वहीं सरकारी एजेंसियों के मुताबिक अब विरोध प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या 200 है।
नैतिकता पुलिस खात्मे पर भ्रम का साया

नैतिकता पुलिस को बंद किए जाने को लेकर ईरान के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जाफ़र मोंटेज़ेरी के बयान के बाद अब ईरान के राजकीय मीडिया ने कहा है कि नैतिकता पुलिस न्यायपालिका के अंतर्गत नहीं बल्कि गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है और गृह मंत्री ने नैतिकता पुलिस को बंद किए जाने की कोई पु्ष्टि नहीं की है। इस बीच, रविवार को समाचार एजेंसी इस्ना ने जरूर सांसद नेज़ामोदीन मौसावी के हवाले से बताया है कि ईरान की सरकार ‘लोगों की वास्तविक मांगों पर ध्यान दे रही है।’ मौसावी का बयान तब सामने आया है जब उन्होंने राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से कुछ देर पहले मुलाकात की थी। मौसावी के अनुसार इस बैठक में संसद और प्रशासन के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि लोगों की मांग पर गौर करने का सबसे अच्छा तरीका आर्थिक है, जिससे स्थिरता के साथ दंगों से निपटने में मदद मिले। वहीं, आंदोलनकारियों ने नैतिकता पुलिस खत्म किए जाने की घोषणा को आंदोलन की कमजोर करने की साजिश बताया है।
चार और लोगों को फांसी
राजकीय मीडिया के अनुसार, इज़राइल की जासूसी एजेंसी मोसाद के साथ सहयोग करने के दोषी चार लोगों को रविवार को फांसी की सजा दी गई। समाचार एजेंसी की तस्नीम रिपोर्ट के अनुसार इन सभी को हिजाब विरोधी आंदोलन से पूर्व जून में गिरफ्तार किया गया था। इन पर गृह युद्ध की साजिश रचने का आरोप था।
आंदोलन की आग में झुलसी भारतीय चाय और चावल

ईरान में दो महीने से अधिक समय से जारी आंदोलन के कारण देश में अधिकतर दुकानें, होटल और बाजार हैं। इसी क्रम में ईरान ने पिछले हफ्ते से भारत से चाय और बासमती चावल के आयात के लिए नए ठेके पर रोक लगा दी है। ईरान भारत से सालाना साढ़े तीन करोड़ टन चाय और 15 लाख किलोग्राम बासमती चावल का आयात करता है। माना जा रहा है कि भारत और ईरान रुपी ट्रेड सेटलमेंट एग्रीमेंट पर बातचीत कर रहे हैं, इसके कारण भी आयात में देरी हो रही है।
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विदेश मंत्री ने कहा, सब कुछ ठीक है

वहीं, सर्बिया की यात्रा के दौरान अटॉर्नी जनरल मोंटेज़ेरी के बयान के बारे में पूछे जाने पर ईरानी विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुलाहयन ने भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि आप ये समझ लें कि ईरान में, लोकतंत्र और स्वतंत्रता के ढांचे के भीतर, जो ईरान में बहुत स्पष्ट रूप से मौजूद है, सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा है।

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