ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ईरान परमाणु समझौते के बारे में दिए गए बयान का खंडन किया और कहा कि तेहरान अपने परमाणु कार्यक्रम के संबंध में भविष्य में पारदर्शिता रखने के लिए तैयार है। नेतन्याहू ने अमरीकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में कहा था, ईरान के साथ इस बुरे समझौते से हमारा दूर रहना ही अच्छा है। नेतन्याहू ने दावा किया था कि संभावित अंतिम बातचीत के जरिए हुआ समझौता ईरान को परमाणु कार्यक्रम की दिशा में कई रियायतें देगा। अतिरिक्त शर्ते बर्दाश्त नहीं ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि अतिरिक्त शर्ते बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। यदि बात भविष्य में पारदर्शित रखने की है, तो ईरान इसे स्वीकार करता है। लेकिन हम ऐसा कोई समझौता मंजूर नहीं करेंगे जो ईरान की वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति के अधिकार की अनदेखी करता हो। रूहानी ने कहा, हम ऐसा समझौता चाहते हैं, जो ईरान के लिए और विश्व के लिए मददगार हो। ईरान और अमरीका के प्रतिनिधि स्विट्जरलैंड में ईरान परमाणु कार्यक्रम पर मार्च के अंत तक किसी व्यापक समझौते और जून के अंत तक अंतिम संधि तक पहुंचने के लिए द्विपक्षीय वार्ता में शामिल हैं। जारिफ से मिले केरी अमरीकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने सऊदी अरब के लिए रवाना होने से पहले स्विट्जरलैंड के मोंट्रेक्स शहर में तीसरे दिन भी ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जारिफ से परमाणु वार्ता को लेकर मुलाकात की। ईरान और विश्व की छह महाशक्तियों पी5+1 (अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन और जर्मनी) के वरिष्ठ राजनयिक ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर व्यापक समझौते तक पहुंचने के प्रयास में बातचीत के लिए एकत्र होंगे। केरी के प्रतिनिधिमंडल के एक करीबी सूत्र ने बताया कि ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख अली अकबर सालेही और अमरीकी सचिव अर्नेस्ट मोनिज ने भी इस द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लिया। सूत्र ने बताया कि अमरीका-ईरान की अगले चरण की मंत्री स्तरीय वार्ता 15-20 मार्च तक चलेगी। वार्ता के लिए स्थान का चुनाव अभी नहीं किया गया है। इससे पहले आयोजित की गई वार्ता का आखिरी चरण 21 से 23 फरवरी को जेनेवा में संपन्न हुआ था, जिसमें केरी और जारिफ दोनों ने हिस्सा लिया था।