‘ गोली चलाने के लिए हमारी सेना को इनाम मिले ‘
संयुक्त राष्ट्र और यूरोपियन यूनियन ने गाजा सीमा पर हुए गोलीबारी और खूनखराबे की घटना की जांच की मांग को इजरायल की बेंजामिन नेतन्याहू सरकार ने मानने से इनकार कर दिया है। वहीं इजरायल के रक्षा मंत्री एविग्दोर लिबरमैन ने कहा कि गाजा सीमा पर हुई घटना की कोई जांच नहीं होगी। लिबरमैन ने कहा कि, इजरायली सेना की ओर से देखा जाए तो उन्होंने वही किया जो उन्हें करना चाहिए था। मुझे लगता है हमारी सेना की टुकड़ियों को इसके लिए इनाम देना चाहिए। वहीं इजरायल सेना के प्रवक्ता ने दावा किया कि गाजा का स्वास्थ्य मंत्रालय हमारी गोलीबारी से घायल हुए लोगों की संख्या को बढ़ाचढ़ा कर बता रहा है।
संयुक्त राष्ट्र और यूरोपियन यूनियन ने गाजा सीमा पर हुए गोलीबारी और खूनखराबे की घटना की जांच की मांग को इजरायल की बेंजामिन नेतन्याहू सरकार ने मानने से इनकार कर दिया है। वहीं इजरायल के रक्षा मंत्री एविग्दोर लिबरमैन ने कहा कि गाजा सीमा पर हुई घटना की कोई जांच नहीं होगी। लिबरमैन ने कहा कि, इजरायली सेना की ओर से देखा जाए तो उन्होंने वही किया जो उन्हें करना चाहिए था। मुझे लगता है हमारी सेना की टुकड़ियों को इसके लिए इनाम देना चाहिए। वहीं इजरायल सेना के प्रवक्ता ने दावा किया कि गाजा का स्वास्थ्य मंत्रालय हमारी गोलीबारी से घायल हुए लोगों की संख्या को बढ़ाचढ़ा कर बता रहा है।
एर्दोगन ने नेतन्याहू को कहा आतंकी
रविवार को तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोगन तुर्की ने गाजा सीमा पर कार्रवाई करने के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू को आतंकी बुलाया। दक्षिणी अदाना प्रांत में सत्तारूढ़ न्याय और विकास पार्टी को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने जमकर इजरायल पर हमला बोला और कहा कि, ” हम आतंकवादियों के साथ डील कर रहे हैं, लेकिन आप नहीं, क्योंकि आप एक आतंकवादी राज्य हैं” साथ ही एर्दोगन ने कहा कि, “ आप ( बेंजामिन नेतन्याहू) आप भी एक आतंकवादी हैं। इतिहास गवाह है कि आपने पीड़ित फिलिस्तीनी नागरिकों के साथ क्या किया है। इसपर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्वीट कर लिखा कि, ” उन्हें ऐसे लोगों से भाषण की जरूरत नहीं है जो खुद पिछले कई सालों से मासूमों पर बम बरसा रहे हैं “। बता दें कि शुक्रवार हजारों फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों ने ‘भूमि दिवस’ के मौके पर गाजा-इजरायल बॉर्डर स्थित बाड़े पर चढ़ने और उसे तोड़ने की कोशिश की थी, जिसके बाद इजरायली सेना ने उनपर गोलियां और आंसू गैस के गोले दागे। इजरायल सेना और फिलिस्तीनी नागरिकों के बीच हुई झड़प में 16 लोगों की मौत और 2000 से ज्यादा घायल हुए।
रविवार को तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोगन तुर्की ने गाजा सीमा पर कार्रवाई करने के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू को आतंकी बुलाया। दक्षिणी अदाना प्रांत में सत्तारूढ़ न्याय और विकास पार्टी को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने जमकर इजरायल पर हमला बोला और कहा कि, ” हम आतंकवादियों के साथ डील कर रहे हैं, लेकिन आप नहीं, क्योंकि आप एक आतंकवादी राज्य हैं” साथ ही एर्दोगन ने कहा कि, “ आप ( बेंजामिन नेतन्याहू) आप भी एक आतंकवादी हैं। इतिहास गवाह है कि आपने पीड़ित फिलिस्तीनी नागरिकों के साथ क्या किया है। इसपर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्वीट कर लिखा कि, ” उन्हें ऐसे लोगों से भाषण की जरूरत नहीं है जो खुद पिछले कई सालों से मासूमों पर बम बरसा रहे हैं “। बता दें कि शुक्रवार हजारों फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों ने ‘भूमि दिवस’ के मौके पर गाजा-इजरायल बॉर्डर स्थित बाड़े पर चढ़ने और उसे तोड़ने की कोशिश की थी, जिसके बाद इजरायली सेना ने उनपर गोलियां और आंसू गैस के गोले दागे। इजरायल सेना और फिलिस्तीनी नागरिकों के बीच हुई झड़प में 16 लोगों की मौत और 2000 से ज्यादा घायल हुए।
बिगड़ सकते हैं हालात: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कहा है कि आने वाले दिनों में गाजा में हालात बिगड़ सकते हैं । सुरक्षा परिषद ने न्यूयॉर्क में बैठक के दौरान मामले में जांच की बात कही है। UN में राजनीतिक मामलों के डिप्टी चीफ ताए ब्रूक ने परिषद को बताया कि गाजा में आने वाले दिनों में हालात ज्यादा बिगड़ सकते हैं। उन्होंने मानवाधिकार मामलों में इजरायल से अपनी जिम्मेदारी समझने की अपील की। साथ ही उन्होंने औरतों और बच्चों को निशाना ना बनाए जाने की भी मांग की।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कहा है कि आने वाले दिनों में गाजा में हालात बिगड़ सकते हैं । सुरक्षा परिषद ने न्यूयॉर्क में बैठक के दौरान मामले में जांच की बात कही है। UN में राजनीतिक मामलों के डिप्टी चीफ ताए ब्रूक ने परिषद को बताया कि गाजा में आने वाले दिनों में हालात ज्यादा बिगड़ सकते हैं। उन्होंने मानवाधिकार मामलों में इजरायल से अपनी जिम्मेदारी समझने की अपील की। साथ ही उन्होंने औरतों और बच्चों को निशाना ना बनाए जाने की भी मांग की।
फिलिस्तीनी क्यों मनाते हैं भूमि दिवस ?
कहा जाता है कि 30 मार्च 1976 में फिलिस्तीन पर इजरायल के कब्जे के विरोध में प्रदर्शन हुए। प्रदर्शन करने वाले 6 नागरिकों को इजरायली सेना ने मौत के घाट उतार दिया था। बता दें कि इजरायल-गाजा सीमा पर विरोध प्रदर्शन के लिए फिलिस्तीन की ओर से 5 कैंप्स लगाए गए हैं। इन्हें ‘ग्रेट मार्च ऑफ रिटर्न’ नाम दिया गया है। विरोध प्रदर्शन 15 मई के आसपास खत्म होंगे। इस दिन को फिलिस्तीन में नकबा (कयामत) के तौर पर मनाया जाता है।
कहा जाता है कि 30 मार्च 1976 में फिलिस्तीन पर इजरायल के कब्जे के विरोध में प्रदर्शन हुए। प्रदर्शन करने वाले 6 नागरिकों को इजरायली सेना ने मौत के घाट उतार दिया था। बता दें कि इजरायल-गाजा सीमा पर विरोध प्रदर्शन के लिए फिलिस्तीन की ओर से 5 कैंप्स लगाए गए हैं। इन्हें ‘ग्रेट मार्च ऑफ रिटर्न’ नाम दिया गया है। विरोध प्रदर्शन 15 मई के आसपास खत्म होंगे। इस दिन को फिलिस्तीन में नकबा (कयामत) के तौर पर मनाया जाता है।