गूगल ने भी दी है चेतावनी इसके पहले Google द्वारा भी कर्मचारियों को आने वाले दिनों में “नौकरियों की मारी-मारी (Blood bath in the streets)” की चेतावनी दी गई थी। इसके बाद अब सिलिकॉन वैसी में आसन्न छंटनी के बादल गहरा गए हैं। संकेत हैं कि अगर अगली तिमाही तक मार्केट सेंटीमेंट्स नहीं सुधरता है, तो भारी पैमाने पर अमरीका में छंटनियां दिख सकती हैं। बता दें पिछले दिनों, नेटफ्लिक्स, शॉपिफाई और कॉइनबेस जैसी कंपनियां COVID-19 महामारी के असर और यूक्रेन युद्ध का हवाला देते हुए कई कर्मचारियों को बर्खास्त कर चुकी हैं। अन्य कंपनियां जिन्होंने कम कर्मचारियों की हटाने का विकल्प चुना है, वे हैं रॉबिनहुड, ग्लोसियर और बेटर। नेटफ्लिक्स ने इस साल मई में ठेकेदारों और अंशकालिक कर्मचारियों के अलावा 150 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था।
नियुक्तियां जारी रखेगी कंपनी, पर बदलेगी दिशा ब्लूमबर्ग न्यूज एजेंसी ने भी पुष्टि की है कि एपल ने कंपनी से कांट्रेक्ट के आधार पर जुड़े लगभग सौ नियोक्ताओं को, जो कि दुनिया की सबसे बहुमूल्य कंपनी एपल के लिए कर्मचारियों की बहाली का काम करते थे उन्हें हटा दिया है। जिन कर्मचारियों का कान्ट्रैक्ट रद्द किया गया है उन्हें कपनी की ओर से कहा गया है कि उन्हें दो हफ्ते का भुगतान और मेडिकल सुविधाएं मिलेंगीं। वहीं, इस रिपोर्ट के अनुसार ऐसे नियोक्ता जो कंपनी के साथ फुल टाइम कर्मचारी के रूप में जुड़े हैं उन्हें रिटेन किया गया है। एपल ने हटाए गए कर्मियों को कहा है कि यह छंटनी कंपनी की वित्तीय जरूरतों को देखते हुए की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार टिम कुक ने कहा है कि कंपनी फिलहाल कर्मियों की नियुक्त जारी जारी रखेगी और अब अलग तथा जरूरी क्षेत्रों में खर्च करेगी। कंपनी, ऐसा बाजार के हालात को देखते हुए करेगी।
इससे पहले, टेक वर्ल्ड की दिग्गज कंपनी गूगल ने अपने कर्मचारियों को अगर परिणाम नहीं आने पर छंटनी की चेतावनी दी थी। गूगल के सीईओ सुंदर पिचई ने इसी महीने कहा है कि वे कंपनी के कंर्मचारियों के वर्क आउटपुट से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा था कि कंपनी की उत्पादकता जितनी होनी चाहिए उससे कम है।गूगल की मालिकाना कंपनी अल्फाबेट के वरिष्ठ अफसरों ने भी कर्मियों को चेताते हुए कड़े शब्दों में कहा, ‘सड़कों पर खून बहेगा… छंटनी के लिए तैयार रहें।’ तीसरी तिमाही के परिणामों में कमाई अच्छी नहीं रही तो छंटनी हो सकती है। इसकी वजह वैश्विक मंदी की आशंका है। गूगल क्लाउड में सेल्स विभाग के अधिकारियों ने अधीनस्थों से कहा, प्रदर्शन सुधारें। बाकी विभागों से भी उत्पादकता बढ़ाने को कहा गया है। इस संदेश के बाद गूगल के कर्मियों में डर का माहौल है। इसी महीने गूगल ने नई भर्तियां रोकने की नीति को बढ़ाया था।
मानव संसाधन विभाग हुआ छंटनी में प्रभावित वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, ट्विटर ने भी अपनी नई भर्तियां हायर करने वाली टीम में 30 प्रतिशत की छंटनी की है, जिसं कंपनी ने, कथित तौर पर “बढ़ते व्यावसायिक दबाव” के कारण और संशोधित व्यावसायिक आवश्यकताओं की जरूरत बताया था। इसी तरह, बताया जा रहा है कि आईटी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट ने अपने 1,80,000 कर्मचारियों की संख्या में से एक प्रतिशत की छंटनी पर काम करना शुरू कर दिया है, जबकि टिकटॉक, जिसने कई कर्मचारियों को पहले ही बर्खास्त करना शुरू कर दिया है, का कहना है कि वह अपनी पुनर्गठन योजनाओं के हिस्से के रूप में 100 और कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना बना रहा है।
मेटा और उबर जैसी कंपनियों में भी संकट इसके अलावा, मेटा, लिफ़्ट, इंटेल और उबर जैसी कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सामना किया जा रहा है। इन कंपनियों में भी लागत में कटौती के लिए एक बोली में भर्तियों को रोक दिया है।
अधिकतर टेक कंपनियां मुसीबत में
इस समय अमरीका की अधिकतर टेक कंपनियां मुश्किल में हैं। उनकी ओर से भर्तियां रोकी गई हैं या धीमी कर दी गई हैं। कुछ तो कर्मचारियों को निकाल भी रही हैं। इनमें लिंक्डइन, मेटा, एपल, टि्वटर, स्नैप, स्पॉटीफाई, इंटेल प्रमुख हैं।