scriptकोरोना काल के बाद Loneliness और Social isolation से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा | Loneliness, social isolation raise risk of heart failure: Study | Patrika News

कोरोना काल के बाद Loneliness और Social isolation से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा

locationजयपुरPublished: Feb 03, 2023 07:58:06 am

Submitted by:

Aryan Sharma

चिंताजनक : शोधकर्ताओं ने किया 4 लाख से ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य का अध्ययन

कोरोना काल के बाद Loneliness और Social isolation से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा

कोरोना काल के बाद Loneliness और Social isolation से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा

कोरोना काल (Corona period) में कई लोगों को अकेले (Lonely) रहने की आदत पड़ गई है। इससे उनमें दिल संबंधी बीमारियों (Cardiovascular disease) का खतरा बढ़ गया है। जेएसीसी (JACC) में प्रकाशित शोध के मुताबिक, अकेलापन (Loneliness) और सोशल आइसोलेशन (Social isolation) दिल के जोखिम से जुड़े हैं। अकेले रहने वाले लोगों में हार्ट अटैक (Heart attack) के मामले बढ़ गए हैं।

शोधकर्ताओं (Researchers) ने चार लाख से ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य परिणामों का अध्ययन किया। चीन में ग्वांगझू मेडिकल विश्वविद्यालय (Guangzhou Medical University in Guangzhou, China) के शोधकर्ता और शोध के वरिष्ठ लेखक जिहुई झांग (Jihui Zhang) के मुताबिक, रिसर्च में पाया गया कि सोशल आइसोलेशन और अकेलेपन ने अस्पताल में भर्ती होने या हार्ट फेलियर (Heart failure) से मौत के जोखिम को 15 से 20 फीसदी तक बढ़ा दिया है। कुछ मामलों में अकेलेपन को सोशल आइसोलेशन से ज्यादा घातक पाया गया।

पुरुषों पर प्रतिकूल प्रभाव ज्यादा
सोशल आइसोलेशन का अर्थ निष्पक्ष रूप से अकेला होना या कम सामाजिक रिश्ते रखना है। शोधकर्ताओं ने बताया कि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में अकेलापन और सोशल आइसोलेशन ज्यादा आम है। पुरुष अकेलेपन में तंबाकू और सिगरेट का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। इससे भी खतरा बढ़ता है।

ध्यान देना जरूरी
शोधकर्ताओं के मुताबिक, कई लोग रिश्तों में होने या दूसरों के साथ बातचीत के बावजूद अकेलापन महसूस करते हैं। ऐसे लोगों पर सोशल आइसोलेशन के शिकार लोगों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।

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