मलेशिया में पहली बार त्रिशंकु संसद: अब किंग पर नजर, भारतीयों को इस बात का डर
नई दिल्लीPublished: Nov 21, 2022 07:43:27 am
करीब 7 दशक के राजनीतिक इतिहास में मलेशिया में पहली बार मतदाताओं ने किसी एक गठबंधन के लिए जनादेश नहीं दिया है और 222 सदस्यीय संसद में त्रिशंकु सदन के हालात पैदा हो गए हैं।


मलेशिया में संपन्न हुए चुनाव, पहली बार त्रिशंकु सदन
करीब 7 दशक के राजनीतिक इतिहास में मलेशिया में पहली बार मतदाताओं ने किसी एक गठबंधन के लिए जनादेश नहीं दिया है और 222 सदस्यीय संसद में त्रिशंकु सदन के हालात पैदा हो गए हैं। शनिवार को हुए आम चुनावों में विपक्षी नेता अनवर इब्राहिम के सुधारवादी गठबंधन को सबसे अधिक 83 सीट मिली हैं, लेकिन वह बहुमत के जादुई आंकड़े 112 सीटों से दूर हैं। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मुहिद्दीन यासीन के नेतृत्व वाले 'नेशनल एलायंस' को 73 सीट मिली हैं। लेकिन सबसे बड़ा झटका प्रधान मंत्री इस्माइल साबरी याकूब के सत्तारूढ़ बरिसन नैशनल (बीएन) गठबंधन को लगा है जिसे सिर्फ 30 सीटें मिली हैं। इस गठबंधन में यूनाइटेड मलयज नेशनल ऑर्गेनाइजेशन (यूएमएनओ) भी शामिल था। यूएमएनओ के गठबंधन ने ब्रिटेन से आजादी मिलने से लेकर करीब 60 दशक तक मलेशिया पर शासन किया है। चुनाव में हार का सामना करने वाले लोगों में दो बार के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद (97) भी शामिल हैं जो एक अलग मलय आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। आशचर्य जनक रूप से महातिर मोहम्मद की जमानत जब्त हो गई और वे अपने 50 साल के राजनीतिक इतिहास में पहली बार चुनाव हारे हैं।