विदेश सचिव एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष झांग येसुई, जो चीनी विदेश मंत्रालय में कार्यकारी उपमंत्री भी हैं, की संयुक्त अध्यक्षता में हुई इस बैठक में दोनों पक्ष अपने रुख पर कायम रहें, लेकिन चीन की ओर से भारत के समर्थन में अपने रवैये में बदलाव लाने का कोई आश्वासन नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र की 1267 कमेटी के प्रतिबंध को लेकर भारत ने फिर से आवेदन पर विचार करने का आग्रह किया और यह भी उल्लेख किया कि इस पर केवल भारत ही नहीं, बल्कि अन्य देशों की ओर से भी जोर दिया जा रहा है। वास्तव में अन्य देशों की ओर से दिया जा रहा दबाव दर्शाता है कि इस मामले में व्यापक अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल है और मसूद अजहर की गतिविधियों को लेकर ङ्क्षचता है।