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Menstrual Hygiene Day 2022: दुनिया के वो देश जिन्होंने पेड पीरियड लीव को दी मंजूरी

Published: May 28, 2022 04:00:57 pm

Submitted by:

Mahima Pandey

Menstrual Hygiene Day: महिलाओं को पीरियड लीव मिलनी चाहिए या नहीं? ये सवाल अक्सर वैश्विक मंच तक पर चर्चा का विषय बनता है। आज Menstrual Hygiene Day के अवसर पर हम आपको उन देशों के बारे में बताएंगे जहां महिलाओं के लिए Period Leave की सुविधा है।

Menstrual Hygiene Day  2022: Countries that Push For Paid Menstrual Leave

Menstrual Hygiene Day 2022: Countries that Push For Paid Menstrual Leave

Period Leave: महीने के उन दिनों में ऑफिस के काम से छुट्टी की किसी भी महिला के लिए बडी राहत की बात होती है। सोशल मीडिया के समय में आज खुलकर इस विषय पर चर्चा भी होने लगी है। चर्चा ये कि क्या महीने के उन दिनों में महिलाओं को छुट्टी दी जानी चाहिए? इसपर कई राय हैं कोई इसके पक्ष में है तो कोई इसके खिलाफ। हालांकि, आज के दौर में कई ऐसे देश हैं जो अब महिलाओं को पेड पीरियड लीव दे रहे हैं। भारत में भी कई स्विगी, जोमैटो और द मेवेरिक्स इंडिया जैसी कई कंपनियां अपनी HR पॉलिसी में भी पीरियड लीव को शामिल कर रही हैं। कई लोगों ने इस निर्णय को सराहा तो कुछ ऐसे भी हैं जो इसके विरोध में हैं। खैर, आज हम आपको उन देशों के बारे में बताएंगे जहां पेड पीरियड लीव की सुविधा है।
स्पेन (Spain)
सबसे पहले बात करेंगे स्पेन की। स्पेन पहला पश्चिमी देश बन गया है जो देश की महिलाओं को मेंस्ट्रुअल लीव देगा। ये हर महीने 3 दिन की हो सकती है। बशर्ते महिला के पास डॉक्टर का नोट होना आवश्यक है। यहां दर्द का मतलब तेज दर्द से है जिसे Dysmenorrhea के नाम से जाना जाता है न कि डिस्कम्फर्ट से है।

हालांकि, स्पैनिश यूनियनों ने इस निर्णय की आलोचना की है। उनका मानना है कि महिलाओं को मासिक धर्म की छुट्टी देने से कई कंपनियां जॉब देते समय पुरुषों को प्राथमिकता दे सकती है जो महिलाओं के लिए गुड न्यूज नहीं है।

जापान (Japan)
जापान के 1947 से पहले के एक कानून के अनुसार कंपनियों को महिलाओं को Period Leave देने का प्रावधान है। वो भी तब जबब महिला कर्मचारी इसके लिए अनुरोध करती हैं या तर्क के साथ अपनी आवश्यकता बताती है।

हालांकि, कंपनीयों को पीरियड लीव के दौरान महिलाओं को भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन 2020 के श्रम मंत्रालय के सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 30 प्रतिशत जापानी कंपनियां महिला कर्मचारियों को पूर्ण या आंशिक वेतन की पेशकश करती हैं।

खास बात ये है कि लगभग 6,000 कंपनियों के सर्वेक्षण में पाया गया कि केवल 0.9 प्रतिशत योग्य महिला कर्मचारियों ने पीरियड लीव ली थी।
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इंडोनेशिया (Indonesia)
इंडोनेशिया ने वर्ष 2003 में एक कानून पारित किया था जिसमें महिलाओं को बिना किसी पूर्व सूचना के दो दिन के लिए पीरियड लीव लेने का अधिकार दिया गया। हालांकि, इसका भी एक अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने विरोध किया था। वास्तविकता एक ये भी है कि शायद ही कोई महिला कर्मचारी पीरियड लीव लेती होंगी क्योंकि इसके लिए उन्हें खतरनाक फिजिकल एक्जाम से गुजरना पड़ता है।

दक्षिण कोरिया (South Korea)
दक्षिण कोरिया में 2001 से महिलाओं को प्रति माह एक दिन के पेड पीरियड लीव देना शुरू किया गया था। जो भी नियोक्ता इसे देने से इंकार करता उसे 5 मिलियन तक के जुर्माने का सामना करना पड़ता था। हालांकि पुरूष वर्ग इसे भेदभाव के रूप में देखते थे। 2004 तक पीरियड लीव का भुगतान किया जाता था लेकिन बाद में इसमें बदलाव किया गया।
ताइवान (Taiwan)
ताइवान में, रोजगार में लैंगिक समानता का अधिनियम महिलाओं को प्रति वर्ष तीन दिनों तक की पीरियड लीव की सुविधा देता है। इसे वैधानिक 30 दिनों के नियमित Medical Leave से नहीं काटा जाता है। महिलाएं किसी भी महीने में केवल एक दिन का समय ले सकती हैं।

Sick लीव की तरह, पीरियड लीव लेने वाली महिला कर्मचारियों को उनके वेतन का केवल 50 प्रतिशत ही मिलता है।

जाम्बिया (Zambia)
जाम्बिया ने 2015 में एक कानून पारित किया था जिसमें महिलाओं हर महीने एक दिन की पीरियड लीव का प्रावधान किया गया था। शुरूआत में महिलाएं इस लीव को लेने से बचती थीं लेकिन बाद में ट्रेड यूनियनों के प्रोत्साहन से महिलाएं अपने अधिकार का प्रयोग करने लगी हैं।

इन देशों के अलावा दुनिया में कई देश ऐसे भी हैं जहां अभी भी पीरियड लीव को लेकर एकमत राय नहीं है और न ही कोई कनून बनाया गया है। इसके बावजूद भारत, फ़्रांस और ऑस्ट्रेलिया की कई कंपनियां हैं जो अपनी HR पॉलिसी ने इसे शामिल कर रही हैं।

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