पता चला कि प्रशासन की ओर से मस्जिद आने वाले रास्ते पर कई जगह चेक प्वाइंट बना दिये गए थे। वहां पर आने वालों को रोककर तलाशी ली जा रही थी और कई सवाल पूछे जा रहे थे। उनके वाहन भी खड़े कराए जा रहे थे। इससे परेशान होकर लोगों ने मस्जिद न आना ही बेहतर समझा। इस बारे में जब काशगर के प्रशासन से बात की गई तो किसी अधिकारी ने कुछ नहीं कहा। शहर के एक व्यापारी ने कहा कि यह शहर अब धार्मिक गतिविधियों के लिए अच्छा नहीं रहा।
हर काम पुलिस और सुरक्षा बलों की बंदिशों के बीच चीन सरकार कहती है कि ऐसे कड़े इंतजाम इस्लामी कट्टरपन को रोकने और अलगाववाद को ताकत न मिलने देने के लिए किए जा रहे हैं। लेकिन विश्लेषक मानते हैं कि उइगर बहुल शिनजियांग प्रांत अब खुली जेल की तरह हो गया है। यहां पर लोग रहते घरों में हैं और खुले आकाश के नीचे सांस लेते हैं लेकिन उन्हें हर काम पुलिस और सुरक्षा बलों की बंदिशों के बीच करना होता है। चीन सरकार ने प्रांत में कड़ाई की शुरुआत सन 2009 में उरुमकी शहर में हुए दंगों के बाद की, जिसमें 200 लोग मारे गए थे।