बताया जा रहा है कि मैरीलैंड में एक स्कूल में पढ़ने वाली जेनन हेस ने इस टूर्नामेंट में बिना किसी रुकावट के 24 मैच खेले पर 3 मार्च को गेथेरबर्ग में रीजनल हाई स्कूल चैम्पियनशिप में कभी नहीं खेलने दिया गया।
हेस की कोच डोनिटा एडम्स ने बताया कि मैंने हेस को समझाया कि वह क्यों नहीं खेल सकती। हेस ने कहा कि इस फैसले से वह उदास और नाराज थी क्योंकि यह भावनाओं की बात है। जो भी हो वह मात्र 16 साल की लड़की है और खेलने से रह गई।