निर्मला सीतारमण से मिले दक्षिण कोरियाई रक्षामंत्री, कई मुद्दों पर हुई चर्चा इस खोजी अभियान का नाम भौतिक विज्ञानी ‘एगुजीन पार्कर’ के नाम पर रखा गया है। पार्कर ने ही पहली बार 1958 में सूर्य पर हवा के अस्तित्व की संभावना जताई थी। इन हवाओं को सौर वात कहते हैं। सौर वात आवेशित कणों और चुंबकीय क्षेत्रों की धारा है जो सूर्य से लगातार प्रवाहित होती रहती है।
उल्टी गिनती शुरू हुई सूर्य के प्रचंड तापमान वाले वातावरण को जानने और इस तक पहुँचने के मानव के पहले प्रयास के तहत डेढ अरब डॉलर की इस परियोजना के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। ‘पारकर सोलर प्रोब’फ्लोरिडा के केप केनवरल से डेल्टा 4 राकेट के साथ प्रक्षेपित किया जाएगा। इस यान का मुख्य लक्ष्य सूर्य की सतह के आसपास के सबसे दुरूह और मुश्किल वातावरण में रहकर सूरज के गूढ रहस्यों का पता लगाना है। सूर्य के आसपास के वातावरण को कोरोना कहते हैं। कोरोना का तापमान सूर्य की सतह के तापमान से करीब 300 गुना ज्यादा होता है।
पाकिस्तानः भारत के राजदूत अजय बिसारिया ने की इमरान खान से मुलाकात, दिया खास तोहफा सोलर प्रोब के फायदे पारकर सोलर प्रोब सौर हवाओं और पृथ्वी पर होने वाले उनके दुष्परिणामों की व्याख्या करेगा।सोलेर प्रोब यह बताएगा की सूर्य की सतह के आसपास होने वाला चुम्बकीय विचलन कब पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है? यान को केवल साढे चार इंच (11.43 सेंटीमीटर)मोटी ऊष्मा रोधी शील्ड से सुरक्षित किया गया है जो इसे सूर्य के तापमान से बचाएगी। इस मिशन के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद यह मानव सभ्यता की सूरज के बारे में जानकारी और बढ़ जाएगी। इससे सूरज के अबूझ रहस्यों से पर्दा उठाना कहीं अधिक आसान होगा।