वहां नाटो सैनिक स्थानीय बलों को प्रशिक्षण दे रहे हैं ताकि वे अपने देश की सुरक्षा जिम्मेदारी अपने हाथों में ले सकें, फिर ट्रंप ने किसी देश से मशविरा भी नहीं किया। अमरीकी सैनिकों के ना होने से इन देशों के सैनिकों के लिए वहां हालात मुश्किल होंगे। नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) में नई जान फूंकना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों भी कह चुके हैं कि इस संगठन की ‘दिमागी रूप से मौत’ हो चुकी है।
क्यों खत्म हो रहा है तेल संपन्न खाड़ी देशों का वर्चस्व अफगान शांति वार्ता बड़ी चुनौती
फिलहाल तो अफगानिस्तान में नाटो की सबसे बड़ी परीक्षा है। वहां अफगान सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता कछुआ चाल से चल रही है। नाटो महासचिव का कहना है कि फरवरी में इस बात का फैसला होगा कि अफगान बलों को ट्रेनिंग देने का काम जारी रखा जाए या वहां दो दशक से जारी नाटो के अभियान को अब समेट लिया जाए।
फिलहाल तो अफगानिस्तान में नाटो की सबसे बड़ी परीक्षा है। वहां अफगान सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता कछुआ चाल से चल रही है। नाटो महासचिव का कहना है कि फरवरी में इस बात का फैसला होगा कि अफगान बलों को ट्रेनिंग देने का काम जारी रखा जाए या वहां दो दशक से जारी नाटो के अभियान को अब समेट लिया जाए।