कोरिया मंत्रालय ने कहा कि सीआईए और सोल की एंजेसी ने बायो-केमिकल का इस्तेमाल किया। जब किम जोंग उन प्योंगयोंग में एक सभा में शिरकत कर रहे थे। इस हमले के लिए सीआईए ने बायो-केमिकल के साथ रेडियोएक्टिव पदार्थ का इस्तेमाल किया था। इससे टारगेट के पास जाने की जरुरत नहीं होती और इसका प्रभाव 2 महीने से लेकर 6 महीने के अंतराल पर दिखना शुरु होता है।
गौरतलब है कि परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमरीका और उत्तर कोरिया के बीच चनाव चरम सीमा पर है। हालात को देखते हुए लगता है कि कभी भी दोनों देशों के बीच युद्ध हो सकता है। अमरीका ने अपने युद्धपोत औऱ मिसाइलें कोरिया सीमा पर तैनात कर दी हैं। इसी को लेकर उत्तर कोरिया बार बार परमाणु हमले की धमकी देता रहता है।