उल्लेखनीय है कि उत्तर कोरिया ने फरवरी माह में इसी क्षेत्र से एक मध्यम दूरी की मिसाइल का परीक्षण किया था। यह मिसाइल परीक्षण ऐसे समय में हुआ है जब पिछले दिनों दक्षिण कोरिया में मून जे-इन ने राष्ट्रपति पद संभाला है। उत्तर कोरिया के इस मिसाइल परीक्षण के बाद दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक बुलाई है।
इससे पहले पिछले दो माह के दौरान उत्तर कोरिया चार बार मिसाइल का परीक्षण कर चुका है। हालांकि, सभी मिसाइल परीक्षण विफल रहे थे। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में एक साक्षात्कार में उत्तर कोरिया के साथ बड़ा संघर्ष होने की चेतावनी दी थी। लेकिन उन्होंने कहा था कि वो इस मुद्दे का कूटनीतिक हल निकालने को अधिक प्राथमिकता देंगे।
युक्त राष्ट्र प्रस्तावों का उल्लंघन जापान ने किया विरोध, बताया- संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों का उल्लंघन उधर, जापान ने उत्तर कोरिया की ओर से किए गए बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन करार देते हुए उसका कड़ा विरोध किया है। जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशीहीदे सुगा ने कहा कि उत्तर कोरिया का यह मिसाइल परीक्षण संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन है इसलिए जापान इसका कड़ा विरोध करता है। प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भी पत्रकारों से बातचीत में उत्तर कोरिया के इस मिसाइल परीक्षण का विरोध किया है।