भारतीय अमरीकी समुदाय के बीच बोले जयशंकर
जयशंकर ने रविवार को वाशिंगटन में भारतीय अमरीकी समुदाय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, यह पाकिस्तान और अमरीका के बीच एक ऐसा रिश्ता है जिसने न तो पाकिस्तान की अच्छी तरह से सेवा की है और न ही अमरीकी हितों की सेवा की है।”
यह टिप्पणी तब की गई जब दर्शकों ने भारतीय मंत्री से पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों पर दिए गए हालिया अमरीकी पैकेज पर सवाल किया।
अमरीका ने दिया था 450 मिलियन डॉलर का पैकेज बता दें, कुछ हफ़्ते पहले, 2018 के बाद पहली बार, अमरीकी विदेश विभाग ने 450 मिलियन अमरीकी डालर की लागत से पाकिस्तान वायु सेना के F-16 बेड़े और उपकरणों की स्थिरता के लिए पाकिस्तान सरकार को एक विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) को मंजूरी दी। जयशंकर ने कहा कि, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तुरंत अमरीकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन को पाकिस्तान के एफ-16 बेड़े के रखरखाव के लिए दिए गए मदद पैकेज प्रदान देने के वाशिंगटन के फैसले पर भारत की चिंताओं से अवगत कराया था ।
आप किसी को मूर्ख नहीं बना रहे…सिर्फ खुद को… जयशंकर ने अमरीका की ओर इशारा करते हुए कहा कि, “किसी का यह कहना कि मैं ऐसा इसलिए कर रहा हूं क्योंकि यह मदद एक आतंकवाद विरोधी सामग्री है और वह भी तब जब आप एफ -16 की क्षमता जैसे विमान की बात कर रहे हैं, तब हर कोई जानता है, और आप भी जानते हैं कि उन्हें कहां तैनात किया गया है और उनका क्या उपयोग किया जा रहा है। आप हैं ये बातें कहकर किसी को भी मूर्ख नहीं बना रहे… विदेश मंत्री का इशारा साफ था कि अगर कोई इसमें मूर्ख बन रहा है तो वो खुद अमरीका है…
इस बयान के बाद विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मिलेंगे जयशंकर
जयशंकर ने जोर देकर कहा, “अगर मुझे एक अमरीकी नीति-निर्माता से बात करनी होती, तो मैं वास्तव में यह देखता कि आप क्या कर रहे हैं।” भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान ऐसे समय आया है जब उन्होंने शनिवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय बहस का समापन किया और उनका अगले तीन दिन वाशिंगटन में बिताने का कार्यक्रम है, जहाँ भारतीय विदेश मंत्री का अपने अमरीकी समकक्ष विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और बाइडेन प्रशासन के अन्य शीर्ष अधिकारियों से मिलने का कार्यक्रम है।