आंगनवाडिय़ों सहित प्राथमिक शाला के बच्चों को पिलाया जाना था दूध
मुलताई. बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए स्कूलों व आंगनवाड़ी में दूध पाउडर भेजा जाता है। इसे बच्चों को ना पिलाकर उसे जलाने का मामला सामने आया है। नगर के टेकड़े वाले प्राइमरी स्कूल परिसर में शौचालय के समीप जब दूध पाउडर के पैकेट जलाए जा रहे थे तो लोगों ने इसकी सूचना मीडिया को दी, जब इस बारे में जिम्मेदार अधिकारियों से जानकारी ली गई तो उन्हें इस मामले में जानकारी तक नहीं थी, लेकिन एक बात तो तय है कि बड़ी मात्रा में दूध पैकेटों को आग के हवाले किया गया है, क्योंकि कुछ पैकेट जो नहीं जल पाए थे, वह भी मौके पर ही पड़े थे। कुपोषण से बचाने सरकार द्वारा आंगनवाड़ी के बच्चों को दूध पिलाने की योजना शुरू की है। इसके तहत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी एवं स्कूलों में दूध पाउडर के पैकेट भेजे गए है। सरकार की मंशा है कि स्कूल एवं आंगनवाड़ी में एक दिन के अंतराल में बच्चों को स्वस्थ्य रखने के लिए दूध पिलाया जाए, लेकिन नगर में दूध पाउडर के पैकेट बच्चों को ना देकर, उनका आग में मिलना संशय की स्थिति पैदा कर रहा है। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार भोपाल से बीआरसी कार्यालय में दूध पाउडर के पैकेट भेजे जाते हैं, जहां से दर्ज संख्या के आधार पर स्कूलों को पैकेट का वितरण कर दिया जाता है। जहां बच्चों को नियमानुसार यदि दूध पाउडर का वितरण करने के बाद बच जाता है तो उसे एक दिन के अंतराल की जगह प्रतिदिन पिलाया जाना चाहिए। इसके बावजूद भी यदि पाउडर बचता है तो माध्यमिक शाला के बच्चों को यह दूध पिलाया जाता है, लेकिन इसके विपरीत मुलताई में बच्चों को ना बांटकर दूध पाउडर के पैकेट जलाए जा रहे हैं। मंगलवार को शाम 5 बजे सूचना मिली कि नगर के टेकड़े वाले स्कूल के परिसर में दूध पाउडर के पैकेट थोक में जलाए जा रहे हैं, मौके पर जाने से सामने आया कि कुछ अधजले और कुछ पूर्ण सुरक्षित दूध पाउडर पैकेट पड़े है। मौके पर बड़ी संख्या में पैकेट व अन्य सामान जलाए गए थे। इनका कहना है मुझे मामले की कोई जानकारी नहीं है, आपके द्वारा ही सूचना दी गई है। इसकी जांच करवाई जाएगी। अतुल माकोड़े, बीआरसीसी मुलताई