क्या है तोशाखाना विवाद
तोशाखाने का मतलब ऐसे कमरे से है जहां राजा या अमीरों के कपड़े, गहने आदि महंगी चीजें संभालकर रखे जाते हैं। पाकिस्तान में सरकार के कोषागार को तोशाखाना नाम दिया गया है। पाक कानून के अनुसार, पदाधिकारियों के लिए कैबिनेट डिवीजन को उपहार और इस तरह के अन्य कीमती सामान की रिपोर्ट करना अनिवार्य है।
हालांकि, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को इस नियम से छूट दी गई है और वे 30,000 से कम कीमत के उपहार रख सकते हैं। उपहार की कीमत इससे ज्यादा होने पर वे उपहार के मूल्य का निश्चित प्रतिशत का भुगतान करके महंगे उपहारों को अपने पास रख सकते हैं।
सोमवार को फिर इमरान के खिलाफ आया गिरफ्तारी वारंट
तोशाखाना विभाग पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ कार्रवाही के मद्देनजर खबरों में बना हुआ है। इसका कारण है तोशाखाना उपहारों का विवरण साझा नहीं करना। विवादों के केंद्र में एक महंगी ग्रेफ कंपनी की हाथ घड़ी (850 लाख पाक रुपया) भी शामिल है।
इसे इमरान ने तोशखाने से रियायती मूल्य पर प्राप्त किया था और फिर लाभ के लिए महंगे में बेच दिया था। सोमवार को भी तोशाखाना मामले में अदालत में पेश नहीं होने पर सोमवार को पीटीआई के अध्यक्ष के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किए गया।
उपहारों पर जरदारी की नजर रहे सबसे काली
नाम व पद कब्जाए तोहफों की संख्या
आसिफ अली जरदारी 181 (10 प्रतिशत या उससे कम कीमत चुकाई)
(पूर्व राष्ट्रपति)
नवाज शरीफ 55 (10-15 प्रतिशत कीमत चुकाई)
(पूर्व प्रधानमंत्री)
शाहिद खाकान अब्बासी 27 (10-20 प्रतिशत कीमत चुकाई)
(पूर्व प्रधानमंत्री)
इमरान खान 112 (20 प्रतिशत से कम कीमत चुकाई)
(पूर्व प्रधानमंत्री)
परवेज मुशरर्फ 126 (15 प्रतिशत कीमत चुकाई)
(पूर्व राष्ट्रपति)