दरअसल पाकिस्तान पहले ही तंग हाली से जूझ रहा था। सरकार बदलने के बाद देश को उम्मीद थी कि इस परेशानी से राहत मिल सकती है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पाकिस्तान नए नवेले प्रधानमंत्री शहबाज के एक फैसले ने परेशानी और बढ़ा दी है।
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चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों के दौरान, तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) का आयात 3.7 अरब अमरीकी डॉलर था, जो 83 फीसदी की बढ़ोतरी बताता है। यही नहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कार्य दिवसों को सप्ताह में पांच से बढ़ाकर छह दिन करने का फैसला किया। उनके इस फैसले की वजह से बिजली और पेट्रोलियम खपत के रूप में अतिरिक्त बोझ पड़ गया। 3 संभावनों पर विचार कर रहा स्टेट SBP
आर्थिक तंगी से निपटने के लिए स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान तीन संभावनाओं की जांच कर रही है। ऐसा करके 1.5 बिलियन अमरीकी डॉलर से 2.7 बिलियन अमरीकी डॉलर की विदेशी मुद्रा की बचत की जा सकती है।
1. चार वर्किंग डे
एसबीपी कर्मचारियों के वर्किंग डे चार करने पर विचार कर रहा है। यानी सप्ताह में कर्मचारियों को तीन दिन की छुट्टी हों। इस तरह एक महीने में 122 मिलियन डॉलर बचाए जाने की उम्मीद है। जो सालाना के रूप में करीब 1.5 बिलियन डॉलर होंगे।
दूसरी संभावना की बात करें तो इसके तहत चार वर्किंग डे, दो छुट्टी और एक दिन का लॉकडाउन रखने की बात कही गई है। इस तरह एक महीने में 175 मिलियन डॉलर और साल में 2.1 बिलियन डॉलर बचाये जा सकते हैं।
3. चार वर्किंग डे के साथ दो दिन लॉकडाउन
इसके अलावा तीसरा संभावना के मुताबिक, सप्ताह में चार वर्किंग डे, एक छुट्टी और दो दिन लॉकडाउन (कमर्शल एक्टिविटी बंद) की बात कही गई है। पेट्रोलियम से जुड़े आयात के बिल में इस तरह से महीने में 230 मिलियन डॉलर और सालाना रूप से 2.7 बिलियन डॉलर की बचत होगी।