scriptPAK में हिंदू विवाह अधिनियम पारित होने से क्या होगा पाकिस्तानी हिंदुओं को लाभ? | Pakistan Passed Hindu Marriage Bill, Benefits For Hindu Community Women | Patrika News

PAK में हिंदू विवाह अधिनियम पारित होने से क्या होगा पाकिस्तानी हिंदुओं को लाभ?

Published: Sep 28, 2016 12:02:00 pm

Submitted by:

पाकिस्तान के विधेयक में हिन्दू विवाह पंजीकरण के नियमों का उल्लंघन करने पर छह महीने कैद की सजा का प्रावधान है, जबकि भारत में हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत सजा का ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

पाकिस्तान की संसद के निचले सदन नेशनल असेम्बली ने हिन्दू विवाह अधिनियम विधेयक -2016 को सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। यह विधेयक मानवाधिकार मंत्री कामरान माइकल ने टेबल पर रखा था। 

नेशनल असेम्बली ने 10 महीने की चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित किया। गौरतलब है कि पाकिस्तान में हिन्दुओं की आबादी 2 फीसदी है। यह अधिनियम पाकिस्तान के सभी नगारिकों पर लागू होगा जो धर्म से हिन्दू हैं और हिन्दू धर्म के किसी भी रूप में पालन करते हैं। 
सवाल यह है कि इस अधिनियम के कानून बन जाने से पाकिस्तान में रह रहे हिन्दुओं को क्या लाभ होंगे? 

यह होंगे लाभ 

– इस विधेयक के पारित होने के बाद अब पाकिस्तान में हिन्दुओं की शादियों को पंजीकृत किया जा सकेगा। (बीते 66 सालों से यहां हिन्दुओं की शादी रजिस्टर्ड नहीं होती थी)। 
– शादी के समय हिन्दू जोड़े की उम्र 18 साल या उससे अधिक होनी चाहिए। (वहीं अन्य धर्मों के नागरिकों के लिए न्यूनतम विवाह उम्र पुरुषों के मामले में 18 साल और लड़कियों के मामले में 16 साल है) 
– अगर पति- पत्नी एक साल या उससे अधिक समय से अलग रह रहे हैं और वो एक दूसरे के साथ नहीं रहना चाहते, साथ ही शादी को रद्द करना चाहें तो वो ऐसा कर सकते हैं। 
– हिन्दू विधवा को भी अपने पति की मृत्यु के छह महीने के बाद फिर से शादी करने का अधिकार। 

– अगर कोई हिन्दू व्यक्ति अपनी पहली पत्नी के होते हुए दूसरी शादी करता है तो यह दंडनीय अपराध। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग की प्रमुख जोहरा युसूफ ने बताया कि विवाह का सबूत हिन्दू महिलाओं को अधिक सुरक्षा मुहैया करेगा। विवाह का पंजीकरण होने पर कम से कम उनके कुछ खास अधिकार सुनिश्चित होंगे। 
भारत ने हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 में पारित किया था। हिन्दू विवाह को लेकर भारतीय कानून और पाकिस्तान के कानून में बहुत फर्क है। पाकिस्तान में हिन्दू विवाह अधि‍नियम वहां के हिन्दू समुदाय के लोगों पर लागू होता है, जबकि भारत में हिन्दू मैरेज एक्ट हिन्दुओं के अलावा, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय पर लागू होता है। 
पाकिस्तान में बिल के मुताबिक शादी के समय हिन्दू जोड़े की उम्र 18 साल या उससे अधिक होनी चाहिए, जबकि भारत में लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल या उससे अधिक होनी चाहिए। 
पाकिस्तान के विधेयक में हिन्दू विवाह पंजीकरण के नियमों का उल्लंघन करने पर छह महीने कैद की सजा का प्रावधान है, जबकि भारत में हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत सजा का ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो