कोर्ट ने कहा कि पाक पीएम नवाज शरीफ को इस गठित जेआईटी के सामने पेश होना पड़ेगा। साथ ही इसी के फैसले के आधार पर देश की सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला तय करेगी। तो वहीं उच्चतम न्याययालय ने कहा कि इसकी जांच की जाए कि इस मामले जो रुपए हैं वो पीएम के बच्चों के पास कैसे पहुंचे हैं।
इस मामले में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने 3-2 के मत से फैसला सुनाया। तो वहीं कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला पीएम नजाव की राजनीतिक भविष्य पर असर डाल सकता है। इस फैसले के दौरान जजों के बेंच में 3 जज इस मामले में और अधिक जांच के पक्ष में रहे तो वहीं 2 जजों की राय थी कि नवाज शरीफ को तत्काल पद से बर्खास्त कर दिया जाए।
तो वहीं इससे पहले बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने बीते 23 फरवरी को इस बहुचर्चित पनामा गेट मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसके बाद कोर्ट ने कहा था कि इस मामले पर वह अपना फैसला 20 अप्रैल को सुनाएगी।
गौरतलब है कि मामला साल 1990 के आसपास नवाज शरीफ द्वारा लंदन में संपत्ति खरीदने को लेकर है। तो वहीं इस मामले में नवाज शरीफ का नाम सामने आने के बाद उनके विरोधी लगातार उनपर निशाना साधे हुए हैं। जबकि पाक पीएम इन आरोपों को नकारते दिखें।
पाक मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के मुखिया इमरान खान समेत कई राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है जिसमें उन्होंने अपील की है कि पनामा गेट मामले में आरोपी बने पीएम नवाज को अयोग्य ठहराया जाए। तो वहीं नवाज शरीफ के फैसले से एक दिन पहले इमरान खान ने पार्टी के नेताओं के साथ एक आपात बैठक की। जिसमें उन्होंने इस मामले में अगली रणनीति पर विचार किया गया।
इस मामले को लेकर नवाज के पार्टी के एक नेता के मुताबिक, इस फैसले को देखते हुए समय से पहले चुनाव कराए जाने के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। जिसमें कहा गया कि समयपूर्व चुनाव कराया जाए जिससे कि पीएमएल-एन को उस हालात का फायदा मिल सके। तो वहीं पार्टी के दूसरे पक्ष का मानना है कि पार्टी को समय पर ही चुनाव कराने चाहिए।