पीएम मोदी और रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शिखर सम्मेलन के दौरान सबकी नजरें रुस की मदद से कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की अंतिम दो इकाइयों के निर्माण समझौते पर टिकी हुई है। तो वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, रेलवे और सांस्कृतिक आदान प्रदान समेत कई अहम क्षेत्रों के अलावा कारोबारी क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण समझौते हो सकते हैं।
पीएम मोदी ने गुरुवार को पिस्कारियोवस्कोये समाधि स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। यह समाधि स्थल द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सेंट पीटर्सबर्ग की शत्रु द्वारा 900 दिन लंबी चली घेराबंदी के दौरान जान गंवाने वाले हजारों लोगों की याद में बनाया गया है। इस दौरान पीएम मोदी ने स्मारक की आगंतुक पुस्तिका में हस्ताक्षर भी किए।
पीएम मोदी ने समाधि स्थल पर पुष्पचक्र अर्पित किया, जहां 420,000 नागरिकों सहित करीब 5 लाख लोगों के शवों को सामूहिक रूप से दफनाया गया था। जहां अधिकांश लोगों की मौत ठंड तथा भूख के कारण हो गई थी। गौरतलब है कि जर्मनी की सेना ने इस इलाके की सितंबर 1941 से लेकर जनवरी 1944 तक पूरी तरह से नाकेबंदी कर दी थी।
गौरतलब है कि भारत और रूस इस साल अपने कूटनीतिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। जहां पीएम मोदी शुक्रवार को पहली बार सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में शिरकत करेंगे, जो व्यापार से संबंधित कार्यक्रम है।
इसके बाद रूस दौरा खत्म करने के बाद वह अपनी यात्रा के चौथे व अंतिम पड़ाव में फ्रांस के लिए रवाना होंगे और फ्रांस के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों से पेरिस में पहली बार मुलाकात करेंगे। वहीं रूस से पहले पीएम मोदी जर्मनी व स्पेन का दौरा पूरा कर चुके हैं।