यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब कतर से सऊदी अरब समेत उसके सहयोगी देशों ने आतंकवाद को समर्थन तथा वित्तीय मदद देने के आरोप में राजनयिक एवं आर्थिक रिश्ते तोड़ लिए हैं। कतर के एक अधिकारी ने दोहा में बताया, ‘लड़ाकू विमानों को लेकर हुआ ये सौदा इस बात का सबूत है कि अमरीकी संस्थाएं अभी भी हमारे साथ हैं और हमें इस बारे में कभी शक नहीं रहा। हमारी सेनाएं भाईयों की तरह हैं। कतर के लिए अमरीकी समर्थन की जड़ें काफी गहरी हैं और राजनीतिक उठा पठक से ये प्रभावित नहीं हो सकती है।’
अमरीका में कतर के राजदूत मेशल हमद अल-थानी ने कल ट्वीटर पर एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘रक्षामंत्री जिम मैटिस कतर के रक्षा मामलों के राज्यमंत्री खालिद अल अत्तायाह से मिले और सैन्य बिक्री खरीद को अंतिम रूप देने के मद्देनजर अमेरिका निर्मित एफ-15 लड़ाकू विमान की खरीददारी के समझौते को अंतिम रूप दिया।’
उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कतर पर आतंकवाद को बढ़ावा तथा वित्तीय मदद देने को लेकर लगातार आरोप लगाये हैं लेकिन अमेरिका का रक्षा विभाग इस मामले में तटस्थ बना रहा।
कतर में अमरीका का मध्यपूर्व का सबसे बड़ा एयर बेस अल उदीद है। यहां अमरीकी गठबंधन सेना के 11,000 से अधिक सैनिक तैनात है। यहां से अमरीका और उसके गठबंधन सहयोगी सीरिया और इराक में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट(आईएस) के खिलाफ सैन्य अभियान चलाते हैं।