महारानी का अंतिम संस्कार उनके निधन के 10 दिन बाद होगा। उनके ताबूत को लंदन से बकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर के पैलेस तक निधन के पांच दिन बाद औपचारिक मार्ग से ले जाया जाएगा। इस दौरान लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। यह स्थल रोजाना 23 घंटे तक खुली रहेगी। उनको दफन करने के पहले नए उत्तराधिकारी उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स उनके अंतिम संस्कार से पहले पूरे देश की यात्रा करेंगे। इनमें यूके के अंदर आने वाले सभी देश भी शामिल होंगे।
महारानी के निधन के बाद अंतिम संस्कार के दिन राष्ट्रीय शोक रहेगा। इस दिन पूरे देश में छुट्टी रहेगी। सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल, कॉलेज, कंपनियां व अन्य संस्थान पूरी तरह से बंद रहेंगे। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन वाले दिन को अधिकारी ‘डी-डे’ मानेंगे।
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अंतिम संस्कार का दिन राष्ट्रीय शोक का दिन होगा। जिसमें वेस्टमिंस्टर एब्बे में होने वाली सेवा और पूरे ब्रिटेन में दोपहर में दो मिनट का मौन रखा जाएगा। अंतिम संस्कार के बाद रानी को विंडसर कैसल के किंग जॉर्ज षष्ठम मेमोरियल चैपल में दफनाया जाएगा। वहीं रक्षा मंत्रालय महारानी के सम्मान में तोपों की सलामी दी जाएगी।
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एक रिपोर्ट के अनुसार, महारानी के निधन के बाद प्रधानमंत्री लिज ट्रस को फोन करके सूचना दी गई। इसके बाद शाही परिवार ने सारी तैयारियों के तहत महारानी के आंखों को बंद किया। इसके बाद प्रिंस चार्ल्स को नया राजा घोषित किया गया। हालांकि, प्रिंस चार्ल्स का औपचारिक राज्याभिषेक बाद में होगा। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद बंकिंघम पैलेस के मुख्य द्वार पर शोक में पहने जाने वाली पोशाख पहनकर सेवक खड़ा रहेगा।