अमरीकी राष्ट्रपति जो जो बाइडेन ने वीटो पावर पर बोलते हुए कहा कि इसे केवल विषम या विशेष परिस्थितियों में ही यूज किया जाना चाहिए, जिससे सुरक्षा परिषद की विश्वसनीयता के साथ इसका प्रभाव बना रहे। उन्होंने कहा कि हम लंबे समय जिनकी स्थायी सदस्यता का समर्थन करते हैं उसमें अफ्रीका, लैटिन अमरीका व कैरेबियाई देश शामिल हैं। वहीं भारत की भी लंबे समय से सदस्यता की मांग चली आ रही है, जिसका हम समर्थन करते हैं।
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 (रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमरीका) स्थायी सदस्य देश हैं। इस संख्या को बढ़ाने को लेकर लंबे समय से मांग की जा रही है। स्थायी सदस्यता की मांग करने वाले देशों में भारत भी शामिल है, लेकिन हर बार इसको लेकर अड़गा अड़ा देता है। भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की मांग का चीन ने कई बार विरोध किया है। वही इस बार भी वह इसका विरोध कर सकता है। हालांकि रूस, अमरीका सहित कई अन्य देशों ने भारत की स्थायी सदस्यता की मांग का समर्थन किया है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र को संबोधित करते विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन व पाकिस्तान पर जमके हमला किया। उन्होंने कहा कि चीन आतंकियों को ब्लैक लिस्ट करने के फैसले का विरोध करते हुए पाकिस्तान के आतंकियों का समर्थन करता है। वहीं पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित रहा है, हम आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेंगे।