यूक्रेन के राष्ट्रपति का छलका दर्द
जो गरजते हैं वो बरसते नहीं, आज के समय में यूक्रेन को भी इस कहावत का स्वाद मिला है जिसको उम्मीद थी कि अमेरिका और नाटो के अन्य सदस्य देश रूस के खिलाफ जंग में उसकी मदद करेंगे। रूस के हमले को 24 घंटे सेऊपर हो चुके हैं परंतु कोई भी देश पूरे दमखम के साथ उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया है। इसपर यूक्रेन के राष्ट्रपति Volodymyr Zelenskyy का भी दर्द छलका है। उन्होंने कहा कि "हम इस जंग में में अकेले पड़ गए हैं । "कौन हमारे साथ लड़ने के लिए तैयार है? मुझे कोई भी ऐसा नहीं दिखाई दे रहा।"
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने आगे कहा कि, मैंने यूरोपियन संग के 27 बड़े नेताओं से बात की परंतु उनमें से किसी ने भी NATO में शामिल करने के अनुरोध को प्रत्यक्ष तौर स्वीकृति नहीं दी। कौन देगा यूक्रेन के NATO में शामिल होने की गारंटी, सभी डर रहे हैं। रूसी सेना कीव में घुसकर निशाना बना रहे हैं। वो राजनीतिक तौर पर भी यूक्रेन को तबाह करना चाहते हैं।"
अमेरिका नहीं भेजेगा सेना
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने भी गुरुवार को स्पष्ट कर कहा कि "हमारी सेनाएं यूक्रेन में लड़ने के लिए यूरोप नहीं जा रही हैं, बल्कि हमारे नाटो सहयोगियों की रक्षा के लिए जा रही हैं।"
जो गरजते हैं वो बरसते नहीं, आज के समय में यूक्रेन को भी इस कहावत का स्वाद मिला है जिसको उम्मीद थी कि अमेरिका और नाटो के अन्य सदस्य देश रूस के खिलाफ जंग में उसकी मदद करेंगे। रूस के हमले को 24 घंटे सेऊपर हो चुके हैं परंतु कोई भी देश पूरे दमखम के साथ उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया है। इसपर यूक्रेन के राष्ट्रपति Volodymyr Zelenskyy का भी दर्द छलका है। उन्होंने कहा कि "हम इस जंग में में अकेले पड़ गए हैं । "कौन हमारे साथ लड़ने के लिए तैयार है? मुझे कोई भी ऐसा नहीं दिखाई दे रहा।"
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने आगे कहा कि, मैंने यूरोपियन संग के 27 बड़े नेताओं से बात की परंतु उनमें से किसी ने भी NATO में शामिल करने के अनुरोध को प्रत्यक्ष तौर स्वीकृति नहीं दी। कौन देगा यूक्रेन के NATO में शामिल होने की गारंटी, सभी डर रहे हैं। रूसी सेना कीव में घुसकर निशाना बना रहे हैं। वो राजनीतिक तौर पर भी यूक्रेन को तबाह करना चाहते हैं।"
अमेरिका नहीं भेजेगा सेना
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने भी गुरुवार को स्पष्ट कर कहा कि "हमारी सेनाएं यूक्रेन में लड़ने के लिए यूरोप नहीं जा रही हैं, बल्कि हमारे नाटो सहयोगियों की रक्षा के लिए जा रही हैं।"
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अमेरिका और अन्य देशों ने रूस पर लगाया प्रतिबंधरूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच अमेरिका हो या ऑस्ट्रेलिया या हो फ्रामके सभी सख्त प्रतिबंध लगा भी रहे तो कुछ देशों ने रूसी सेना तक को बैन कर दिया है। परंतु किसी भी देश ने अपनी सेना यूक्रेन की मदद के लिए अपनी सेना नहीं भेजी है। अमेरिका ने रूस के 4 प्रमुख बैंकों जबकि फ़्रांस ने 4 बैंकों को बैन कर दिया है।
केवल निंदा और अंजाम भुगतने जैसे बयान ही आए सामने
NATO के सभी सदस्य देशों ने केवल यूक्रेन पर हुए रूसी हमले की निंदा कर रहे हैं। अमेरिका ने तो ये तक कहा कि यूक्रेन में तबाही के लिए रूस जिम्मेदार होगा परंतु किसी भी देश ने यूक्रेन को सैन्य और सुरक्षा तकनीक जैसी कोई मदद नहीं की। ऐसे में यूक्रेन भी अब निराश होने लगा है और वो अपने बयानों में कह रहे हैं कि यूक्रेन अब अकेला पड़ गया है।
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच जबसे तनाव देखने को मिल रहा था तबसे अमेरिका और नाटो के अन्य सदस्य देश रूस को चेतावनी दे रहे थे। इसके साथ ही यूक्रेन के साथ खड़े होने का दावा कर रहे थे।इससे यूक्रेन को भी उम्मीद थी कि अमेरिका उसकी मदद पूरी ताकत के साथ करेगा परंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ है। जब यूक्रेन पर अचानक रूस ने अपनी सेना भेजी तो कोई भी देश खुलकर मदद करने के लिए मदद करते हुए नहीं दिखा।
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