जंग में रूस की मुश्किलें बढ़ाने वाले घोस्ट ऑफ कीव को लेकर यूक्रेनी गर्व महसूस करते हैं। यही नहीं युद्ध के बीच मेजर स्टीफन को ये भगवान की ओर से भेजा गया दूत भी मानते थे। जो यूक्रेन की जनता की रक्षा के लिए लगातार रूस के लड़ाकू विमानों को ढेर कर रहा था।
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युद्ध के बीच उजागर नहीं की थी पहचानGhost of Kyiv fighter pilot 'is killed' after shooting down more than FORTY Russian aircraft https://t.co/8EwaCRJCWr
— Adam Parkhomenko (@AdamParkhomenko) April 30, 2022
हालांकि युद्ध के दौरान गोपनीयता के चलते यूक्रेनी पायलट की पहचान उजागर नहीं की गई थी। यही वजह है कि मेजर स्टीफन को घोस्ट ऑफ कीव बुलाया जाने लगा।
27 फरवरी को यूक्रेनी सरकार ने ट्वीट करते हुए लिखा था- 'लोग उन्हें घोस्ट ऑफ कीव कहते हैं। सही कहते हैं. वह रूस के लड़ाकू विमानों के लिए बुरा सपना बन चुके हैं।'
रूस से जंग में शहीद हुए मेजर स्टीफन ताराबाका को अदम्य शौर्य के लिए मरणोपरांत यूक्रेन के सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द गोल्डन स्टार' से नवाजा गया है।
यूक्रेन के हीरो का तमगा
उन्हें यूक्रेन के हीरो का तमगा दिया गया है। मेजर स्टीफन का जन्म यूक्रेन के पश्चिम में कोरोलिव्का गांव के एक मजदूर परिवार में हुआ था। उन्होंने वायु सेना के खार्किव राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ाई की थी।
मेजर ताराबाल्का का जन्म पश्चिमी यूक्रेन के कोरोलिव्का के एक छोटे से गांव की वर्किंग क्लास फैमिली में हुआ था। यूक्रेन के इस साहसी सैनिक के परिवार की बात करें तो उनकी पत्नी ओलेनिया और 8 साल का बेटा यारिक है।