2015 के मुकाबले सूची में ज्यादातर शहरों के सुरक्षा स्तर में गिरावट आई है। हालांकि इसके दो अपवाद हैं। मेड्रिड शहर के सुरक्षा मानकों में 13 अंकों का सुधार हुआ है, वहीं सोल ने 6 अंक ज्यादा हासिल किए हैं। वहीं न्यूयॉर्क सिटी 11, लीमा 13, जोहानेसबर्ग 9, हो ची मिन्ह सिअी 10 और जकार्ता को 13 अंकों का नुकसान हुआ है।
सूची में एशियाई और यूरोपीय शहरों का दबदबा है। शीर्ष 10 स्थानों में चार स्थानों पर पूर्वी एशियाई शहर टोक्यो, सिंगापुर, ओसाका और हांगकांग हैं। जबकि तीन यूरोपीय शहर एमस्टर्डम, स्टॉकहोम और ज्यूरिख को भी शीर्ष 10 मेें जगह मिली है।
सबसे कम सुरक्षित 10 शहरों में दक्षिण एशियाई, मध्य एशिया और अफ्रीका के शहर शामिल हैं। इनमें दक्षिण एशिया के ढाका, यंगून और कराची को जगह मिली है। वहीं दक्षिण-पूर्व एशिया के मनीला, हो ची मिन्ह सिटी और जकार्ता भी सबसे कम सुरक्षित 10 शहरों में शामिल हैं। इसके अलावा काहिरा और तेहरान में भी हालात खराब हैं।
सुरक्षा का मसला अभी भी आर्थिक समृद्धि के साथ जुड़ा हुआ है। हालांकि धनी शहरों की सुरक्षा व्यवस्था खराब हुई है। सूची में शीर्ष 30 यानी आधे स्थानों पर विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के देशों का दबदबा है। वहीं 31 से 60 तक के स्थानों पर गरीब देशों के शहर ज्यादा हैं। शीर्ष 30 में जो 14 शहर धनी देशों के हैं, उनमें से 10 की सुरक्षा व्यवस्था 2015 के मुकाबले खराब हुई है।
1- टोक्यो (89.8 अंक)
2- सिंगापुर (89.64 अंक)
3- ओसाका (88.87 अंक)
4- टोरंटो (87.36 अंक)
5- मेलबर्न (87.3 अंक)
6- एमस्टर्डम (87.26 अंक)
7- सिडनी (86.74 अंक)
8- स्कॉटहोम (86.72 अंक)
9- हांगकांग (86.22 अंक)
10- ज्यूरिख (85.2 अंक)
1- कराची (38.77 अंक)
2- यंगून (46.47 अंक)
3- ढाका (47.37 अंक)
4- जकार्ता (53.39 अंक)
5- हो ची मिन्ह सिटी (54.34 अंक)
6- मनीला (54.86 अंक)
7- कारकस (55.22 अंक)
8- क्योटो (56.39 अंक)
9- तेहरान (56.49 अंक)
10- काहिरा (58.33 अंक)