शाही फरमान के अनुसार विदेश मंत्री की जिम्मेदारी प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद पूर्व की भांति निभाते रहेंगे। इसी तरह वित्त मंत्री का दायित्व मोहम्मद अल-जादान और निवेश मंत्री की जिम्मेदारी खालिद अल-फलीह के पास पहले की तरह बनी रहेगी। क्राउन प्रिंस, जिन्हें एमबीएस के नाम से जाना जाता है अभी तक रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे थे। उन्हें ही सऊदी अरब का वास्तविक शासक माना जाता है। एमबीएस के छोटे भाई प्रिंस खालिद बिन सलमान इससे पहले उप रक्षा मंत्री के रूप में काम कर रहे थे।
क्राउन प्रिंस ने अपने एक बयान में कहा कि सऊदी अरब ने सैन्य उद्योगों में अपनी आत्मनिर्भरता को 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया है। वहीं देश के नव नियुक्त रक्षा मंत्री के नेतृत्व में इसे 50 प्रतिशत तक पहुंचने की योजना है। साथ ही उन्होंने बताया कि शाही फरमान के अनुसार किंग सलमान अभी भी कैबिनेट की बैठकों की अध्यक्षता करते रहेंगे। सऊदी के किंग 86 वर्षीय सलमान बिन अब्दुलअजीज ने क्राउन प्रिंस के तौर पर करीब ढाई सालों तक काम किया। जिसके बाद वो साल 2015 में देश के शासक बने थे।
वहीं, क्राउन प्रिंस मोहम्मद के 2017 में सत्ता में आने के बाद से सऊदी अरब में मौलिक रूप से कई बदलाव हुए हैं। इन बदलावों के जरिए अर्थव्यवस्था का तेल पर से निर्भरता कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही महिलाओं को ड्राइव करने और मौलवियों की शक्तियों पर अंकुश लगाने जैसे अहम बदलाव हुए हैं।